IND-PAK तनाव: क्या भारत-पाक के बीच हो सकता युद्ध का आगाज? जानें क्या होता है 'लॉ ऑफ वॉर'?

क्या भारत-पाक के बीच हो सकता युद्ध का आगाज? जानें क्या होता है लॉ ऑफ वॉर?
  • दूसरे विश्व युद्ध के दौरान बनाया गया था ये नियम
  • जेनेवा में आयोजित कन्वेंशन के दौरान पेश किया गया था ये नियम
  • अगर कोई देश तोड़ता है ये नियम तो माना जाएगा अपराध

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव इस कदर बढ़ चुका है कि लोगों का मानना है कि जल्द ही जंग छिड़ सकती है। बता दें, बीते मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाए पाकिस्तान ने अचानक भारत के कई हिस्सों पर हवाई हमला कर दिया था। हालांकि, भारत की एयर डिफेंस सिस्टम ने इन पाकिस्तानी हमलों को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया। वहीं, इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के लाहौर समेत कई इलाकों पर हवाई हमले किए।

बता दें, पाकिस्तान यहां तक नहीं रुका बल्कि कुछ घंटे पहले शुक्रवार शाम को उन्होंने जम्मू, सांबा (जम्मू-कश्मीर), पठानकोट और फिरोजपुर (पंजाब) और जैसलमेर (राजस्थान) में पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए थे। हालांकि, इन सभी को भारत की एयर डिफेंस सिस्टम ने रोककर नष्ट कर दिया। भारत पर पाकिस्तान के इन लगातार हमलों के बाद कई लोगों का मानना है कि जल्द ही दोनों देशों के बीच जंग की भी शुरुआत हो सकती है। ऐसे में जब भी दो देशों बीच जब भी युद्ध होता है तो उसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। तो चलिए जानते हैं युद्ध के इस नियम के बारे में।

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान बनाया गया था ये नियम

दो देशों के बीज युद्ध के लिए 'एक्ट ऑफ वॉर' या 'लॉ ऑफ वॉर' का नियम बनाया गया था। बता दें, ये नियम साल 1939 से लेकर 1945 तक चले दूसरे विश्व युद्ध के बाद जेनेवा में एक कन्वेंशन के दौरान पेश किए गए थे। दरअसल, 6 साल चले सेकेंड वर्ल्ड वॉर में तकरीबन 5 करोड़ से अधिक लोगों की जान चली गई थी। इसके अलावा इस दौरान ही पहली बार परमाणु बम का इस्तेमाल भी हुआ था। इस दौरान हुई भीषण तबाही के बाद दुनिया के प्रमुख देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने मिलकर साल 1949 में जेनेवा में आयोजित कन्वेशन में युद्ध के नियम तय किए थे।

कब और कहां पेश हुआ था ये नियम?

जेनेवा में आयोजित इस कन्वेंशन के दौरान पेश किए गए इन नियमों के तहत तय किया गया था कि युद्ध कैसे किया जाएगा और इसमें हमला किन लोगों पर किया जाएगा। इसके अलावा ये भी तय किया गया था कि युद्ध में किन हथियारों का इस्तेमाल किया जाएगा और किन चीजों को टारगेट किया जाएगा। इन कन्वेशन में कुल 161 नियम बनाए गए हैं, जिन्हें 196 देशों ने मान्यता दी थी।

ये हैं 'एक्ट ऑफ वॉर' के नियम

'एक्ट ऑफ वॉर' के नियमों के मुताबिक, जंग के समय आम नागरिकों पर हमला करना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। इसके अलावा पत्रकारों और मेडिकल स्टाफ पर भी हमला नहीं किया जा सकता। वहीं, नियमों के अनुसार किसी देश के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को भी निशाना नहीं बनाया जा सकता है। इसके अलावा आम जनता के लिए बने शरणार्थी स्थलों पर भी हमला नहीं किया जा सकता है।

इसके अलावा बिना चेतावनी दिए एक देश दूसरे देश पर हमला नहीं कर सकता है। आम नागरिकों को युद्ध प्रभावित इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की जिम्मेदारी भी देश की होती है। जंग के दौरान सामने वाले देश के सैन्य ठिकानों को निशाना तो बनाया जा सकता है लेकिन यदि दुश्मन देश की सेना सरेंडर कर रही है तो उसके सैनिकों के साथ मानवीय व्यवहार रखना है।

अगर कोई देश तोड़ता है नियम तो होगा ऐसा

वहीं, इस नियम में यह भी प्रावधान है कि यदि कोई देश लॉ ऑफ वॉर के नियमों को तोड़ता है तो यह युद्ध अपराध माना जाएगा। ऐसा करने पर उसके खिलाफ लॉ ऑफ चैप्टर 44 के मुताबिक इंटरनेट कोर्ट में केस चलता है।

Created On :   10 May 2025 12:00 AM IST

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