बालक राम की पोशाक: हर दिन के अनुसार पोशाक बदलेंगे बालक राम, आर्मी और क्रिकेट टीम की जर्सी बनाने वाले डिजाइनर को मिली जिम्मेदारी

हर दिन के अनुसार पोशाक बदलेंगे बालक राम, आर्मी और क्रिकेट टीम की जर्सी बनाने वाले डिजाइनर को मिली जिम्मेदारी
  • हर दिन बदलेगी बलाक राम की पोशाक
  • मशहूर डिजाइनर को रामलला के वस्त्रों की मिली जिम्मेदारी
  • आर्मी से लेकर क्रिकेटर्स की जर्सी कर चुके हैं डिजाइन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अयोध्या में नवनर्मित राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद से ही बालकराम के भव्य दर्शन के लिए दिन ब दिन श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ रहा है। वहीं, मंदिर में रामलला की अलौकिक प्रतिमा के साज श्रृंगार के लिए चांदी के धागे और सोने के बेशकीमती आभूषणों से सजाया गया है। प्रभु श्रीराम के वस्त्रों की देखरेख का दायित्व राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने डिजाइनर मनीष त्रिपाठी को सौंपा है। देश के सुप्रसिद्ध डिजाइनर में से एक मनीष त्रिपाणी ने भारतीय सेना, सीमा सुरक्षा बल की वर्दी समेत भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी भी तैयार की है।

पोशाख बनाने के अनुभव को किया साझा

मनीष त्रिपाठी ने ड्रैस की डिजाइनिंग के एक्सपीरियंस के बारे में कहा, "वास्तव में भगवान राम की अलमारी का प्रबंधन करना आसान नहीं है। मैं योगी आदित्यनाथ जी, चंपत राय जी (ट्रस्ट के महासचिव) और मंदिर ट्रस्ट का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। मैं अपने काम के लिए एक पैसा भी नहीं लूंगा। यह भगवान राम की वापसी के प्रति मेरा योगदान होगी।"

बता दें कि, 22 जनवरी को हुए राम मंदिर उद्धाटन में बालक राम की ड्रेस को मनीष ने डिजाइन किया था। इस बारे में उन्होंने कहा, "प्रतिष्ठा समारोह के लिए पोशाक बनाना मेरे लिए एक बहुत बड़ा काम था। लोगों का 500 वर्षों का इंतजार खत्म होने वाला था। मुझे लगता है कि यह भगवान राम ही थे जिन्होंने मुझे इस काम के लिए रास्ता दिखाया और मेरे दिमाग में विचारों का प्रवाह शुरू हो गया।"

ट्रस्ट और और मूर्तिकार ने की सहायता

डिजाइनर मनीष ने बताया कि बालक राम की मूर्ति के वस्त्रों का विचार करने में मंदिर ट्रस्ट और मूर्तिकार अरुण योगीराज की टीम ने सहयोगी किया था। मनीष ने बताया, "चूंकि भगवान राम भगवान विष्णु के अवतार हैं, जिन्हें पीतांबर के रूप में जाना जाता है। इसलिए हमने पीतांबर कपड़ा चुना। हमने इसे विशेष रूप से काशी में बनवाया है। यह कोई साधारण कपड़ा नहीं है। हमने इसे खासतौर पर काशी के बुनकरों से बनवाया है। यह रेशम, चांदी और सुनहरे धागों से बना हाथ से बना हुआ कपड़ा है।"

मनीष का कहना है कि मूर्ति के लिए सही कपड़े का चुनाव करने के बाद ही उन्होंने डिजाइनिंग का काम शुरू किया था। उन्होंने आगे बताया, "हमने यह सुनिश्चित किया कि हम पांच वर्षीय भगवान राम के लिए कपड़े डिजाइन करेंगे। हमने यह सुनिश्चित किया कपड़ा नरम और नाजुक रहे। साथ ही राजा दशरथ के पुत्र के मानकों को पूरा करने के लिए पर्याप्त शाही दिखे।"

रामलला की अलमारी को किया गया डिजाइन

प्रभु श्रीराम की प्रतिमा के अलावा डिजाइनर मनीष ने अपनी टीम के साथ लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की पोशाक 40 दिन में तैयार की थी। डिजाइनर ने कहा, "लाल रंग की पोशाक मंगलवार के लिए, हरा बुधवार के लिए, पीला गुरुवार के लिए, हरा शुक्रवार के लिए, नीला शनिवार के लिए, गुलाबी रविवार के लिए और सफेद सोमवार के लिए है।"

मनीष ने बताया कि मंदिर में बालक राम पहनाई जाने वाली पोशाकों की अलमारी को आवश्यकता हिसाब से डिजाइन किया गया है। डिजाइनर ने कहा, "इसकी चौड़ाई 21 इंच और ऊचांई 51 इंच है। यह शुद्ध सागौन की लकड़ी से तैयार किया गया है। यह चमकीले मैरून रंग के कपड़े से ढका हुआ है। अलमारी के दरवाजे और हैंडल पर सुंदर पीतल का काम है। पूरी अलमारी को दो डिब्बों में विभाजित किया गया है। एक हिस्से में पोशाक और दूसरे में मैचिंग आभूषण रखे गए हैं।"

Created On :   3 Feb 2024 10:43 AM GMT

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