रडार पर मलिक: सत्यपाल मलिक के घर पर सीबीआई की रेड, पूर्व राज्यपाल ने पीएम मोदी को ठहराया जिम्मेदार

सत्यपाल मलिक के घर पर सीबीआई की रेड, पूर्व राज्यपाल ने पीएम मोदी को ठहराया जिम्मेदार
  • जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के घर पहुंची सीबीआई की टीम
  • 'कीरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट' को लेकर की छापेमारी
  • पीएम मोदी को ठहराया जिम्मेदार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के घर पर गुरुवार को सीबीआई के अधिकारियों ने छापेमारी की। दरअसल, सीबीआई ने सत्यपाल के घर पर 'कीरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट' मामले में हुई हेरा-फेरी से जुड़े दस्तावेजों की छानबीन की। पूर्व राज्यपाल अपने घर में सीबीआई के अधिकारियों के आने से काफी नाराज हो गए हैं। उन्होंने अपने घर पर सीबीआई की रेड को पीएम मोदी की साजिश बताया है। पूर्व राज्यपाल ने कहा कि सीबीआई की टीम ने उनके घर पर छापेमारी तब की, जब वह हॉस्पिटल में अपना इलाज करवाने के लिए एडमिट हुए हैं। सत्यपाल मलिक ने कहा कि वह पिछले 3-4 दिनों से बीमार चल रहे हैं।

सत्यपाल ने किया ट्वीट

सोशल मीडिया एक्स पर सत्यपाल मलिक ने ट्वीट करते हुए लिखा, "पिछले 3-4 दिनों से मैं बीमार हूं और अस्पताल में भर्ती हूं। इसके बावजूद मेरे मकान में तानाशाह द्वारा सरकारी एजेंसियों से छापे डलवाए जा रहें हैं। मेरे ड्राइवर, मेरे सहायक के ऊपर भी छापे मारकर उनको बेवजह परेशान किया जा रहा है। मैं किसान का बेटा हूं। इन छापों से घबराऊंगा नहीं। मैं किसानों के साथ हूं।"

सत्यपाल ने अपने ट्वीट के जरिए पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के पक्ष में कहा कि वह किसानों के लिए हमेशा खड़े रहेंगे। गौरतलब है कि पूर्व राज्यपाल ने साल 2020-2021 के किसान आंदलोन में किसानों को सपोर्ट किया था। इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि केंद्र सरकार ने किसानों पर अत्याचार और उनका शोषण किया है।

प्रोजेक्ट को लेकर दिया बयान

बता दें, सत्यपाल मलिक मेघालय और गोवा के भी राज्यपाल रहे चुके हैं। वह लंबे समय से मोदी सरकार और उनकी पार्टी की नीतियों की आलोचना करते आए हैं। इस मामले को लेकर सबसे पहले सत्यपाल मलिक ने जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ इलाके के नजदीक स्थित कीरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में हुए घपले का आरोप लगाया था। इस मामले को लेकर उन्होंने कहा था कि 2200 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को स्वीकृत करने की फाइल उनके पास पहुंची थी। इस दौरान उनसे कहा गया था कि अगर वह इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दें तो इसके बदल में उन्हें 300 करोड़ रुपये की घूस दी जाएगी। सत्यपाल मलिक ने बताया कि उन्होंने इस फाइल को पास करने से इनकार कर दिया था। उनकी शिकायत के बाद जांच एजेंसी ने इस मामले में केस दर्ज किया था। जिसके चलते अप्रैल 2022 से इसकी जांच चल रही है।

Created On :   22 Feb 2024 7:15 AM GMT

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