दवा पर बैन: अगर आप भी अपने बच्चों को पिलाते हैं ये सिरप तो हो जाएं सावधान, टेस्ट में सरकार ने पाया खतरनाक, लिया बड़ा एक्शन

अगर आप भी अपने बच्चों को पिलाते हैं ये सिरप तो हो जाएं सावधान, टेस्ट में सरकार ने पाया खतरनाक, लिया बड़ा एक्शन
  • देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य नियामक संस्था का एक्शन
  • 4 साल से छोटे बच्चों के लिए बताया जानलेवा
  • राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखा लेटर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य नियामक एजेंसी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने बड़ा फैसला लिया है। एजेंसी ने क्लोरफेनिरामाइन मैलेट और फिनाइलफ्राइन के फिक्स कॉम्बिनेशन वाले कफ सिरप के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। एजेंसी के मुताबिक यह कफ सिरप 4 साल या उससे छोटे बच्चों के लिए खतरनाक है। ग्लैक्सोस्मिथ क्लाइन की टी -मिनिक ओरल ड्रॉप्स, ग्लेनमार्क की एस्कोरिल फ्लू सिरप और आईपीसीए लेबोरेटरीज की सोल्विन कोल्ड सिरप के समेत अन्य कई फार्मा कंपनियों को एजेंसी ने चेतावनी डालने के लिए भी कहा है।

बता दें कि क्लोरफेनिरामाइन मैलेट IP 2 mg और फिनाइलफ्राइन HCL 5 mg के मिश्रण वाला सिरप आमतौर पर सर्दी-खांसी और बुखार के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें आंखों से पानी आना, नाक बहना, छींक आना और नाक व गले में खुजली होना शामिल है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डीसीजीआई ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसे लेकर एक लेटर लिखा। इस लेटर में एजेंसी ने दो दवाओं क्लोरफेनिरामाइन मैलेट और फिनाइलफ्राइन के कॉम्बीनेशन से बने प्रोडक्टों के पैकेज को अपडेट करने का निर्देश दिया है।

चिंता जता चुकीं स्वास्थ्य संस्थाएं

डीसीजीआई के अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ भी सर्दी जुकाम के इलाज के लिए बिना अप्रूवल वाले ड्रग फॉर्मूला का इस्तेमाल करने पर चिंता जताई है। डब्ल्यूएचओ द्वारा भी 5 साल तक के बच्चों को सर्दी-जुकाम के इलाज के लिए ओवर द काउंटर दवाएं न उपयोग करने की सलाह देता है। बता दें कि ओवर द काउंटर ऐसी दवाएं होती हैं जिन्हें लोग बिना डॉक्टरी सलाह के सीधे मेडिकल स्टोर्स से खरीद कर इस्तेमाल करते हैं।

गौरतलब है कि पिछले एक साल में कई देश अपने यहां भारत में निर्मित कफ सिरप से बच्चों की मौत होने का दावा कर चुके हैं। अफ्रीकी देश गांबिया ने साल 2022 में भारत में मेडन फार्मा के 4 सिरप से कथित तौर पर 70 बच्चों की मौत का दावा किया था। गांबियाई सरकार ने अपनी जांच में पाया कि मरने वाले सभी बच्चे 5 या उससे कम उम्र के थे और सभी के लक्ष्ण एक जैसे थे। अपनी जांच रिपोर्ट में गांबिया की ओर से यह भी दावा किया गया कि ये सभी मौतें इंडियन मेड थीं।

इसके अलावा ऐसा ही आरोप उज्बेकिस्तान ने भी लगाया था। जिसमें कहा गया था कि भारत में बनी कफ सिरप से उनके देश में 18 बच्चों की मौत हुई है। वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा था कि यूपी के नोएडा में स्थित मेरियन बायोटेक का कफ सिरप डॉक-1 मैक्स पीने से बच्चों की मौत हुई थी।

Created On :   21 Dec 2023 1:17 PM GMT

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