चंद्रयान-3: इसरो ने बता दिया किस तारीख से शुरु की जाएगी चंद्रयान 3 को दोबारा जगाने की कोशिश, ऐसे एक्टिव होंगे प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर

इसरो ने बता दिया किस तारीख से शुरु की जाएगी चंद्रयान 3 को दोबारा जगाने की कोशिश, ऐसे एक्टिव होंगे प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर
  • इसरो के वैज्ञानिक ने दी जानकारी
  • 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था मिशन चंद्रयान-3

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। 14 जुलाई को लॉन्च हुए मिशन चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त को चांद पर सफलता पूर्वक लैंडिंग करते हुए इतिहास रचने का काम किया। भारत चांद पर पहुंचने वाला अमेरिका,रूस,और चीन के बाद चौथा देश बन गया वहीं चांद के दक्षिणी पर पहुंचने वाला पहला देश बना है।

इसरो ने लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान दोनों को ही दो और चार सिंतबर को पूरी तरह चार्ज करने के बाद स्लीप मोड में डाल दिया था। स्लीप मोड में डालने की मुख्य वजह यह थी की चंद्रमा पर रात्रि काल शुरू हो चुका था। कयास लगाए जा रहे थे कि आज इसरो चांद के दक्षिणी धुव्र में उतरे लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से फिर से संपर्क करने का प्रयास करेगा लेकिन हाल ही में मिली जानकारी के मुताबिक इसरो अब 23 सितबंर संपर्क करने का प्रयास करेगा।

चंद्रयान-3 पर स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के निदेशक नीलेश देसाई ने बताया कि 'पहले हमारी योजना थी कि 22 सितंबर शाम तक (प्रज्ञान) रोवर और (विक्रम) लैंडर को फिर से सक्रिय करें। लेकिन कुछ कारणों से अब हम ये कल 23 सितंबर को करेंगे। लैंडर और रोवर को स्लीप मोड से निकालने फिर से सक्रिय करने की योजना है'

बता दें बीते 20 दिनों से विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने माइनस 120 से माइनस 200 डिग्री सेल्सियस तक की सर्दी को सहन किया है। अब जानकारी के मुताबिक पृथ्वी के समय अनुसार 20 सितंबर की शाम से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सूर्योदय शुरू हो गया है।

इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर ने यह भी बताया था कि माइनस 150 डिग्री सेल्सियस से अधिक की सर्दी में विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर रहे हैं इसलिए यह वास्तव में चिता का विषय है कि उस तापमान में बैटरी और उसके इलेक्ट्रनिक्स तंत्र कैसे एक्टिव रहते हैं। उन्होंने कहा कि यह लगभग फ्रीजर से कुछ निकालने और उसका उपयोग करने जैसा है।

Created On :   22 Sep 2023 1:07 PM GMT

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