370 व 35 a के हटने के बाद से अब तक: जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने वाली याचिका पर आज शीर्ष कोर्ट में सुनवाई

- सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पांच जजों की पीठ के सामने दिया था आश्वासन
- टॉप कोर्ट ने बहाली के लिए कोई स्पष्ट समय सीमा नहीं दी
- मई 2024 में सर्वोच्च अदालत ने रिव्यू पिटीशन को किया था खारिज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत में आज केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने वाली याचिका पर आज शुक्रवार को सुनवाई होगी। सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन ने सीजेआई बी.आर. गवई के समक्ष यह पिटीशन पेश की। आपको बता दें मई 2024 में, उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले को चुनौती देने वाली रिव्यू पिटीशन को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि रिकॉर्ड में कोई त्रुटि स्पष्ट नहीं है और मामले को ऑपन कोर्ट में लिस्टेड करने से इनकार कर दिया था।
तत्कालीन सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5-जस्टिस की संविधान बेंच के सामने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आश्वासन दिया था कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करेगी। हालांकि टॉप कोर्ट ने इस बहाली के लिए कोई स्पष्ट समय सीमा नहीं दी थी।
जहूर अहमद भट और कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद मलिक की ओर से लगी पिटीशन में कहा गया है कि राज्य का दर्जा बहाल करने में लगातार हो रही देरी जम्मू और कश्मीर के नागरिकों के अधिकारों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है और संघवाद के कन्सेप्ट का उल्लंघन कर रही है।
याचिकाकर्ताओं को कहना है कि समयबद्ध सीमा के भीतर राज्य का दर्जा बहाल न करना संघवाद का उल्लंघन है, जो संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है। कोर्ट ने चुनाव आयोग को 30 सितंबर, 2024 तक चुनाव कराने का आदेश दिया था। साथ ही कहा गया था कि राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाएगा।" पिछली सुनवाई के दौरान, एसजी मेहता ने अदालत को बताया था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय कोई विशिष्ट समय-सीमा नहीं बता सकता और राज्य का दर्जा बहाल करने में कुछ टाइम लगेगा। आपको बता दें सड़क से लेकर सोशल मीडिया और संसद में भी उठ चुकी है जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा बहान करने की मांग।
Created On :   8 Aug 2025 10:32 AM IST