हमास-हूती और विद्रोह: जानिए हूती विद्रोह का हमास कनेक्शन, जिसने बढ़ाया भारत का टेंशन
- इजरायल और हमास का युद्ध
- इजरायल समर्थित देशों पर हूती का हमला
- एशिया-यूरोप के बीच सबसे छोटा समुद्री रास्ता रेड सी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हूती विद्रोहियों के बढ़ते हमलों ने भारत को चिंता में डाल दिया है। अमेरिका का कहना है कि नवंबर के तीसरे हफ्ते से लेकर अब तक हूतियों ने लगभग दो दर्जन व्यापारिक जहाजों पर हमला किया। हूती विद्रोहियों के आक्रमण के पीछे की वजह उन सभी देशों को नुकसान पहुंचाना है, जो किसी न किसी तरह इजरायल को समर्थित करते हैं, या उससे मित्रवत व्यवहार हैं। ऐसे देशों के जहाजों को नुकसान पहुंचाने के लिए हूती बैलिस्टिक मिसाइलों का भी इस्तेमाल कर रहा हैं। हूती हमलों का प्रभाव भारत पर भी हो रहा है।
आपको बता दें लाल सागर एशिया और यूरोप के बीच सबसे छोटा समुद्री रास्ता है। ये उन जहाजों के लिए एंट्री पॉइंट है, जो स्वेज नहर का उपयोग करते हैं। एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस रूट से हर साल 1 ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा का बिजनेस होता है। भारत 20 प्रतिशत से भी अधिक एक्सपोर्ट इसी मार्ग से होता है। रेड सी के अलावा भारत केप ऑफ गुड होप वाला समुद्री रास्ता ले सकता है। जो स्वेज नहर के मुकाबले करीब 9 हजार किलोमीटर लंबा है। इससे शिपमेंट में लगभग दो हफ्ते एक्स्ट्रा लगते हैं। इससे पूरे कारोबारी रूट की लंबाई 40 फीसदी बढ़ जाएगी। इससे बहुत ज्यादा खर्च भी बढ़ेगा। सामान बहुत महंगा होगा। विदेशी मुद्रा भी बहुत खर्च करनी होगी।
लाला सागर के रूट से देश का सबसे ज्यादा क्रूड ऑइल आता है। इससे होकर जाने वाले जहाज मुंबई, कोच्चि, मेंगलुरु, गोवा और चेन्नई से होकर सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड वियतनाम जैसे दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में जाते हैं।
हूती विद्रोही यमन में रहने वाला अल्पसंख्यक शिया जैदी समुदाय का एक हथियारबंद समूह है, जिसका मकसद है दुनिया से अमेरिका और इजरायल समेत पश्चिमी इफेक्ट को खत्म करना। नब्बे के दशक में यमन के तत्कालीन प्रेसिडेंट अब्दुल्लाह सालेह को सत्ता से हटाने के लिए लोगों ने एक मुहिम शुरू की। इसकी शुरुआत हुसैन अल हूती ने की उन्हीं के नाम पर संगठन का नाम पड़ा। ये संगठन हमास और हिज्बुल्लाह को सपोर्ट करता है।
अमेरिका ने हूतियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, जिसका नाम है- ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन है। दिसंबर 2023 में शुरू हुए इस ऑपरेशन में 10 से ज्यादा देश जुड़ चुके हैं। हूती विद्रोहियों का हमला रोकने के लिए ऑपरेशन में शामिल देश रेड सी में युद्धपोत भेज रहे हैं। भारतीय नेवी लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमले को नाकाम करने के लिए पूरी तैयारी से उतर चुकी है। सर्विलांस बढ़ा दिया गया है। मॉडर्न हथियारों के साथ कई युद्धपोत उतरे हुए हैं।
Created On :   2 Jan 2024 6:08 PM IST