मौसम का प्रकोप: गर्मी से लेह हैरान, उड़ान नहीं भर पा रहे हैं विमान, 3 दिन में 13 उड़ानें रद्द
- लेह में गर्मी का प्रकोप
- क्यों होती हैं फ्लाइट्स रद्द
- इंडिगो की फ्लाइट कैंसिल एडवाइजरी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मानसून के मौसम में भी गर्मी और उमस से उत्तर भारत परेशान हैं। गर्मी और उमस से लोगों का हाल बेहाल हो रहा है। लेकिन हैरानी कि बात ये है कि इस बार मैदानी इलाके ही नहीं बल्कि पहाड़ी इलाके भी गर्मी से जूझ रहे हैं। कश्मीर में गर्मी ने पिछले 25 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा। वहीं लेह-लद्दाख भी गर्मी से परेशान हैं। हालांकि, कश्मीर और लेह-लद्दाख अपनी खूबसूरत और ठंडी वादियों के लिए जाने जाते हैं। लेकिन इस बार गर्मी का कहर इन पर जमकर बरस रहा है।
सुनने में भी हैरानी हो रही है कि जिस जगह का नाम सुनते ही मन में सुंदर वादियों और बर्फ से ढके पहाड़ों की तस्वीर बन जाती थी। जहां पर लोग गर्म कपड़े पहन कर घूमते थे। वहीं आज लोग गर्मी के प्रकोप से बचते घूम रहे हैं। भीषण ठंडी पड़ने वाले लद्दाख में गर्मी ने दिल्ली को भी मात दे दी है। तापमान इतना ज्यादा बढ़ गया है कि प्लेन तक नहीं उड़ पा रहे हैं। आपको बता दें कि गर्मी के कारण 3 दिन में 13 उड़ाने रद्द कर दी गई हैं।
किस स्थिति में होती हैं फ्लाइट्स रद्द?
अक्सर उड़ान रद्द होने की वजह तेज बारिश या बर्फबारी होती है। लेकिन लेह-लद्दाख जैसी ठंडी जगह पर भीषण गर्मी के चलते उड़ान रद्द कर दी गई है। लद्दाख का तापमान 35 डिग्री तक पहुंच गया है जो कि ठंडे इलाकों के लिए चौंका देने वाली बात है। तापमान बढ़ने के चलते रविवार को लद्दाख में 4 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। वहीं दिल्ली से पहुंचा एक प्लेन तो शनिवार को एयरपोर्ट में लैंड ही नहीं हो पाया।
इंडिगो उड़ान रद्द करने की सलाह
इंडिगो ने सोमवार को जारी एडवाइजरी में कहा कि, "लेह में हाई ग्राउंड टेंपरेचर और रनवे प्रतिबंधों की वजह से आज सभी प्लेन रद्द करने जरूरी हैं। अगर आप दोबारा बुकिंग करना चाहते हैं या रिफंड चाहते हैं तो आप बुक कर सकते हैं। हमें असुविधा के लिए खेद है।"
इसके साथ ही पिछले हफ्ते भी इंडिगो ने तापमान ज्यादा होने के चलते अपने प्लेन रद्द कर दिए थे। इंडिगो का कहना था कि लेह में बाहरी हवा का तापमान ज्यादा होने के कारण फ्लाइट ऑपरेशन में परेशानी आ रही है। जिसमें एयरलाइन भी कुछ नहीं कर सकती है।
गर्मी में क्यों नहीं उड़ पाते हैं प्लेन?
हर चीज को इस्तेमाल करने का एक तरीका होता है। वैसे ही प्लेन को भी उड़ाने का एक तरीका होता है। चलिए जानते हैं कुछ फैक्टर्स के बारे में जिसके चलते प्लेन उड़ान भरता है।
पायलट को प्लेन चलाते समय मौसम और टेंपरेचर का ध्यान रखना पड़ता है। साथ ही हवा के दबाव का भी ध्यान रखना पड़ता है।
इनमें से कुछ भी ज्यादा होता है तो उड़ान में देरी हो जाती है या तो इनको रद्द कर दिया जाता है।
पायलट को ग्रेविटेशनल फोर्स के विपरीत जाकर उससे लड़कर विमान को हवा में उपर ले जाना होता है।
साथ ही विमान को ऊपर ले जाने के लिए हवा की मदद लेनी होती है। पायलट को विमान के वजन के हिसाब से ही एयर प्रेशर का इस्तेमाल करना होता है।
गर्म तापमान के कारण एयरक्राफ्ट को थ्रस्ट नहीं मिल पाता है।
आपको बता दें कि गर्म हवा जितनी ज्यादा होती है उतनी ज्यादा फैलती है। जिसके चलते विमान के इंजन को थ्रस्ट नहीं मिल पाता है।
गर्मी से हैरान है ठंडा लेह
ठंडे लेह में भीषण गर्मी के चलते कई लोग हैरानी जतार रहे हैं। क्योंकि 11 हजार फीट की उंचाई पर टेंपरेचर माइनस में चला जाता है। वहां पर गर्मी होने के कारण प्लेन की उड़ानें रद्द कर दी जा रही हैं। जो कि एक चिंता का विषय है। साथ ही इसकी वजह को जलवायु में परिवर्तन माना जा रहा है। जिसके परिणाम हमारी आने वाली पीढ़ियों को झेलने पड़ सकते हैं।
Created On :   30 July 2024 2:08 PM IST