UP Politics: मायावती ने जातीय हिंसा भाषा विवाद पर जताई चिंता, कहा- 'भारतीय को भारतीयता पर गर्व करके...'

- देश में चल रहे भाषा विवाद पर मायावती की प्रतिक्रिया
- मुंबई को लेकर जताई अपनी गहरी चिंता
- मायावती ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए दिया बयान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में बीते कुछ समय से लगातार जातीय हिंसा और मुंबई में भाषा विवाद को लेकर सियासत गर्माई हुई है। इसको लेकर ही बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की चार बार सीएम रहीं मायावती की तरफ से आज प्रतिक्रिया दी गई है। उन्होंने संगठनात्मक समीक्षा बैठक की है, जिसमें दक्षिण और पश्चिम भारत के सात राज्यों में पार्टी की मजबूती और जनाधार बढ़ाने की रणनीतियों पर चर्चा की गई है। उसमें महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल शामिल हैं।
संगठन की कमजोरियों को दूर करने के मायावती ने दिए निर्देश
लखनऊ में स्थित बीएसपी केंद्रीय कैंप कार्यालय में बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों से 2 मार्च को जारी किए गए दिशा निर्देशों की रिपोर्ट मांगी और संगठन की कमजोरियों को दूर करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में केंद्रीय कोऑर्डिनेटर व प्रभारी राजाराम और अतर सिंह राव के साथ अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए थे। इस दौरान बसपा प्रमुख ने पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के साथ-साथ देश व जनता के कुछ अहम मुद्दों पर भी चर्चा की है। वहीं, धार्मिक उन्माद, जातीय हिंसा और भाषा विवाद को लेकर भी अपनी चिंता जाहिर की है।
मायावती ने क्या कहा?
मायावती ने भाषा विवाद को लेकर कहा है कि, 'महाराष्ट्र और तमिलनाडु के अलावा अन्य राज्यों में भाषा विवाद को लेकर देश भर में हो रही चर्चाओं को देखते हुए मायावती ने कहा है कि, ये बहुत ही घातक है। साथ ही जब धर्म क्षेत्र जाति वा भाषा जैसे विवाद संकीर्ण राजनीति लोगों की देशभक्ति और उनके देश प्रेम पर हावी होने लगती है। हर भारतीय को भारतीयता पर गर्व होना चाहिए और अपना काम करना चाहिए। खासकर मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है, जहां से देश के सभी राज्यों के लोगों का सीधा लेना देना है। साथ ही उन्हें उनके जान, माल व मजहब की सुरक्षा की गारंटी भी सरकार को देनी चाहिए। केंद्र सरकार को भी इसमें ध्यान देना चाहिए और सख्त फैसला लेना चाहिए।'
Created On :   13 July 2025 5:24 PM IST