Tejaswi Yadav Press Conference: सूत्र के हवाले से बिहार मतदाता सूची में दूसरे देशों के वोटर्स के नाम पर तेजस्वी यादव ने दी प्रतिक्रिया, सूत्र पर किए सवाल, कहा- 'ये सूत्र को हम मूत्र समझते हैं'

- तेजस्वी यादव ने की आज प्रेस कॉन्फ्रेंस
- इलेक्शन को लेकर विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया को लेकर उठाए सवाल
- सूत्रों को लेकर भी दी प्रतिक्रिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार विधानसभा में विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया पर सवाल किए हैं। बता दें, बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष पुनरीक्षण अभियान के समय कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, राज्य में घर-घर जाकर किए गए सर्वे के समय बूथ लेवल ऑफिसर्स को कई ऐसे लोग मिले हैं, जो नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के अलावा अन्य देशों से अवैध तौर पर भारत में आए हैं और वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने की कोशिश में लगे थे और उन्होंने ऐसा करवा भी लिया था। इस कड़ी में ही तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। तेजस्वी यादव ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि, भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से कल 80 प्रतिशत तक फॉर्म जमा होने की जानकारी दी गई है। सूत्रों को लेकर भी तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए घेरा है।
तेजस्वी यादव ने क्या कहा?
तेजस्वी यादव ने कहा है कि, 'सूत्रों के हवाले से बिहार मतदाता सूची में बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार के लोगों के नाम सामने आने के बारे में पूछे जाने पर, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, "ये सूत्र कौन हैं? ये वही सूत्र हैं जिन्होंने कहा था कि इस्लामाबाद, कराची और लाहौर पर कब्जा कर लिया गया है। ये सूत्र को हम मूत्र समझते हैं। SIR आखिरी बार 2003 में UPA सरकार में किया गया था। तब कई चुनाव हुए हैं, उन चुनावों में हम 3-4 लाख वोटों से हारे हैं। क्या इसका मतलब है कि इन सभी विदेशियों ने पीएम मोदी को वोट दिया? इसका मतलब है कि मतदाता सूची में किसी भी संदिग्ध तत्व के नाम जुड़ने के लिए NDA दोषी है। इसका मतलब है कि उन्होंने जो भी चुनाव जीते हैं, वे सभी धोखाधड़ी वाले रहे हैं।'
दूसरे देशों के लोगों का नाम शामिल होने पर तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया
तेजस्वी यादव ने दूसरे देशों के नाम जुड़ने पर कहा कि, 'जहां तक नेपाल की बात है तो बिहार और नेपाल का रोटी और बेटी का संबंध है। बिहार पुलिस में नेपाली लोग हैं। आर्मी में नेपाली लोग हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जबसे मामले को संज्ञान में लिया है और जब से चुनाव आयोग को सलाह दी है। तब से उनके हाथ पांव फूले हुए हैं। अगर फर्जी वोटर हैं भी तो जिम्मेदारी किसकी है? चुनाव आयोग है और NDA सरकार की है। चुनाव आयोग राजनीतिक दल का प्रकोष्ठ बनकर काम कर रहा है।'
Created On :   13 July 2025 4:22 PM IST