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दैनिक भास्कर हिंदी: 26/11: पर्दे पर आज भी छाप छोड़ते हैं हमलों के निशान

हाईलाइट
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नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस) मुंबई में 26/11 यानी 26 नवंबर को हुए हमले को 12 साल हो गए हैं। लेकिन आज भी यह आधुनिक भारतीय इतिहास का दुखद अध्याय शोबिज के कैनवास पर अपनी छाप छोड़ता रहता है।
गौरतलब है कि 26 नवंबर, 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने समुद्री रास्ते से मुंबई में घुसकर शहर के विभिन्न हिस्सों में तबाही मचाई थी। उन्होंने 160 से अधिक लोगों को मार डाला। इस हमले के दौरान 9 आतंकवादी भी मारे गए, जबकि एक मोहम्मद अजमल कसाब, उसे जिंदा गिरफ्तार किया गया और आखिरकार नवंबर 2012 में उसे फांसी दे दी गई।
आतंकवादियों ने शहर के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन, ताज महल पैलेस होटल, कैफे लियोपोल्ड, कामा और अलब्लेस अस्पताल, नरीमन हाउस और ओबेरॉय-ट्राइडेंट होटल जैसे जगहों पर बड़े पैमाने पर तबाही मचाई थी।
हालांकि इस घटना को एक दशक से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन आज भी यह डरावनी घटना फिल्मकारों को पर्दे पर उसे दिखाने के लिए प्रेरित करती है और कई फिल्मकारों ने इस घटना को अलग-अलग ²ष्टिकोण से पेश करने का प्रयास किया।
आतंकवादियों से लोहा लेने वाले बहादुर वीरों से लेकर अपनों को खो चुके लोगों के दु:ख तक, सुरक्षा खामियों से लेकर आतंकवादियों की सोच तक, फिल्मकारों ने इस त्रासदी से जुड़े विभिन्न वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करना जारी रखा है।
इनमें जल्द ही आ रही निखिल आडवाणी की बहुप्रतीक्षित वेब सीरीज मुंबई डायरीज 26/11 है, जिसमें कोंकणा सेनशर्मा और मोहित रैना ने अभिनय किया है। कहानी के आधार को उजागर नहीं किया गया है। वहीं आडवाणी के शो में हमले के एक काल्पनिक कहानी को दिखाया जाएगा, जो कामा अस्पताल की घटनाओं पर केंद्रित होगा।
वहीं इसी हमले से जुड़े एक पहलू को तेलुगू सुपरस्टार महेश बाबू ने फिल्म निर्माण के जरिए पेश करने का फैसला लिया। उन्होंने एक स्क्रिप्ट चुनी, जिसमें 26/11 के हमले में शहीद हुए एनएसजी कमांडो संदीप उन्नीकृष्णन को सलाम किया है। इसका शीर्षक मेजर है, जिसका निर्देशन शशि किरण टिक्का करने वाले हैं, इसमें तेलुगू अभिनेता अदिवी सेश शहीद की भूमिका निभाएंगे। महेश बाबू ने इसे तेलुगू भाषा के साथ-साथ हिंदी में प्रस्तुत करने का फैसला लिया है।
यह त्रासदी दर्शकों के लिए कितनी प्रासंगिक बनी हुई है, इसका पता हाल ही में वेब शो स्टेट ऑफ सीज: 26/11 की सफलता से आंकी गई। यह शो इस साल की शुरुआत में प्रदर्शित हुई।
अभिनेता अर्जुन बिजलानी, अर्जन बाजवा और विवेक दहिया के साथ एनएसजी कमांडो की भूमिका निभाते हुए, यह शो 26/11 की अनकही कहानियों को बताता है, मुख्य रूप से वर्दी में पुरुषों की वीरता को उजागर करता है। यहां तक कि उनकी 26/11 सागा को लेकर मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया ने निमार्ताओं को स्टेट ऑफ सीज को एक फ्रेंचाइजी में बदलने के लिए प्रेरित किया। वे जल्द ही वेब फिल्म स्टेट ऑफ सीज: अक्षरधाम के साथ वापस आएंगे।
स्टेट ऑफ सीज: 26/11 के क्रिएटर अभिमन्यु सिंह ने कहा, मैंने कहानी को दो मुख्य कारणों से बनाया है। भारत में आतंकवाद रोधी अभियानों में उनके अच्छे कामों के बावजूद नेशनल सिक्योरिटी गार्ड पर वास्तव में कुछ भी नहीं बनाया गया है। हमें अपने सुरक्षाकर्मियों के प्रति सम्मान दर्शाने की आवश्यकता है, जो सभी बाधाओं के खिलाफ हमारे लिए लड़ते हैं और अपने जीवन की परवाह नहीं करते हैं। मुझे लगता है कि ऐसा कुछ है जिसे भारत को देखने की जरूरत है।
उन्होंने आगे कहा, दूसरा उद्देश्य यह भी था कि हमारे सिस्टम में झूठ बोलने वाले लोगों को दिखाया जाए, जिन्हें सुधरने की आवश्यकता है। इस तरह के संकटों से निपटने के लिए हमें बेहतर तरीके से तैयार रहना चाहिए। हमें अपने इतिहास से कुछ सीखने की जरूरत है, और निमार्ताओं के रूप में हमारा उद्देश्य यही था।
नीरज पांडेय की जासूसी एक्शन थ्रिलर सीरीज स्पेशल ऑप्स एक काल्पनिक कहानी है, लेकिन इसकी प्रेरणा भारत में पिछले 19 सालों में हुए आतंकी हमलों, जिसमें 26/11 भी है, उसमें भारतीय खुफिया विभाग से ली गई है। शो के एक हाइलाइट सीन में हिम्मत सिंह (के के मेनन द्वारा निभाया गया किरदार) आतंकवादी अजमल कसाब से पूछताछ करते हुए दिखाई देता है।
शो के बारे में बात करते हुए के के ने कहा था, 26/11 एक ऐसा दिन था, जब पूरा देश जाग रहा था। स्पेशल ऑप्स भारतीय खुफिया की भूमिका के लिए एक अनूठा परिप्रेक्ष्य प्रदान करता है। अंडरकवर एजेंट हमारे समय के सच्चे गुमनाम नायक हैं। स्पेशल ऑप्स इन एजेंटों के जीवन को सामने लाने की कोशिश करता है, जो कई दुर्भाग्यपूर्ण हमलों के पीछे मास्टरमाइंड को पकड़ने की कोशिश करते हैं। भारतीय इंटेलिजेंस हमारे देश के लिए बहुत कुछ कर रही है और हमें उनके ऋणी होने की आवश्यकता है।
26/11 के हमलों ने इन सालों में कई फिल्मों को जन्म दिया है, हालांकि सभी समान रूप से सराहनीय नहीं रही हैं। इसमें एंथनी मारस द्वारा निर्मित होटल मुंबई को लिया जा सकता है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बनाया गया था। इसमें देव पटेल और अनुपम खेर हैं। वहीं राम गोपाल वर्मा ने द अटैक्स ऑफ 26/11 बनाया। वहीं नसीरुद्दीन शाह द्वारा अभिनीत एक लघु फिल्म रोगन जोश भी है, जिसमें एक परिवार पर त्रासदी के भयावह प्रभाव को दर्शाया गया है।
वहीं कमर्शियल बॉलीवुड स्पेस में कबीर खान की फैंटम रही है, जो 26/11 के मुंबई हमलों के बाद अभिनेत्री कटरीना कैफ और सैफ अली खान के साथ बनाई गई थी।
इनमें हंसल मेहता की शाहिद ने बहुत ही गहरी छाप छोड़ी थी। फिल्म में 26/11 के हमलों के बैकग्राउंड के साथ भारतीय मुस्लिम पहचान दिखाया गया था। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता रही इस भूमिका में वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता शाहिद आजमी के रूप में राजकुमार राव नजर आए थे। फिल्म में आजमी की कहानी दिखाई जाती है, जिसमें उसके युवा अवस्था से लेकर वकील बनने तक और 26/11 के हमले के आरोपी रहीम अंसारी का बचाव करने तक का सफर दिखाया गया है।
ओटीटी पर पेश किए गए विभिन्न काल्पनिक आतंकवादी कहानियों पर 26/11 के हमलों का अप्रत्यक्ष प्रभाव रहा है। उदाहरण के लिए मनोज बाजपेयी-स्टारर द फैमिली मैन, जिसमें वह श्रीकांत तिवारी के तौर पर आतंकवादी हमले को रोकने का प्रयास करते हैं। सीरीज की शुरुआत आतंकी संदिग्धों की गिरफ्तारी से होती है जो भारत में 26/11 से भी बदतर कुछ करने की योजना बना रहे होते हैं।
वहीं अभी जो परियोजनाएं आ रही हैं, उनमें एक अमेरिकी टीवी सीरीज भी है, जो 26/11 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड पर आधारित है। सीमित सीरीज डेविड कोलमैन हेडली के जीवन और 2008 के हमलों में उसके कथित साथी तहव्वुर हुसैन राणा के बारे में बताएगी। परियोजना के बारे में अभी तक ज्यादा खुलासा नहीं किया गया है।
हाल ही में सामने आई कई रिपोटरें में संकेत दिया गया था कि स्वर्गीय सुशांत सिंह राजपूत अपनी मृत्यु से पहले 26/11 हमलों पर आधारित एक फिल्म के लिए बातचीत कर रहे थे। हालांकि इस परियोजना के बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया था। पिछले साल, शिवसेना सांसद संजय राउत ने यह भी खुलासा किया कि वह जल्द ही 26/11 हमलों पर आधारित अनकही कहानियों पर एक फिल्म बनाएंगे।
फिल्म ट्रेड विश्लेषक गिरीश जौहर ने आईएएनएस से कहा, सभी जानते हैं कि यह भारतीय इतिहास के सबसे काले अवधियों में से एक था। हर कोई विशेषकर मुंबईवासी हैरान थे। यह एक दाग बना हुआ है। यही कारण है कि इन उदाहरणों के बारे में बात करना प्रासंगिक हो जाता है। फिल्मकार त्रासदी के विभिन्न ²ष्टिकोणों के बारे में बता रहे हैं। दुकान के मालिकों के ²ष्टिकोण से, पुलिस अधिकारियों के ²ष्टिकोण से, और आतंकवादियों के ²ष्टिकोण से फिल्म बनी है।
जौहर ने आगे कहा, फिल्मकार त्रासदी की प्रासंगिकता को बनाए रखने के लिए विभिन्न ²ष्टिकोणों को पेश करते हैं, और यह जितना पुराना होता है, उतना ही दिलचस्प हो जाता है।
एमएनएस-एसकेपी
क्लोजिंग बेल: उतार-चढ़ाव के बीच सेंसेक्स- निफ्टी सपाट पर बंद हुए
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आज व्यापारिक सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को निफ्टी सत्र के मध्य उतारचढ़ाव के बीच अंत में सपाट बंद हुआ। ट्रेडर्स सीपीआई तथा आईआई लपी आंकड़ों की प्रतीक्षा करते दिखे। निफ्टी 17659.65 पर खुला, दिन के मध्य 17724 का उच्चतम बना 39 अंको की बढत के साथ 17698.15 पर बंद हुआ।बैंक निफ्टी 162.45 अंक चढ़ 39042.30 पर रहा।अगस्त माह का निफ्टी का पुट कॉल अनुपात 1.39 है जो तजड़ियो की सक्रियता का संकेत है।क्षेत्र विशेष में निफ्टी एनर्जी तथा कमोडिटी क्रमशः 1.88 तथा 1.44 प्रतिशत चढ़े जबकि निफ्टी फार्मा तथा आईटी प्रत्येक में 1 प्रतिशत की गिरावट रही।इंडिया विक्स 4.08 प्रतिशत ठंडा हो 17.61 पर बंद हुआ।
निफ्टी के शेयरों में ओएनजीसी ,टाटा स्टील,एनटीपीसी तथा यूपीएल में सर्वाधिक बढ़त रही जबकि डिवीज लैब,अपोलो हॉस्पिटल, इंफी तथा एलएंडटी में सबसे अधिक गिरावट रही।तकनीकी आधार पर,निफ्टी ने साप्ताहित चार्ट पर बुलिश कैंडल बनाया है जो इसमे तेजी का संकेत है।निफ्टी 200 दिनों के मूविंग एवरेज तथा सुपर ट्रेंड संकेतक के ऊपर ट्रेड कर रहा है ,वो भी निफ्टी में शक्ति का परिचायक है।हालांकि निफ्टी फॉलिंग ट्रेंड लाइन पर अवरोध का सामना कर रहा है, इसके ऊपर बंद होने पर ही एक तीव्र तेजी दिख सकती है।निफ्टी के ओपन इंटरेस्ट आकंडो में ,कॉल में सर्वाधिक ओपन इंटेरेस्ट 18000 पर है जबकि पुट में 17500 पर है।मोमेन्टम संकेतक एमएडीसी दैनिक समयावधि पर सकारात्मक क्रॉसओवर के साथ ट्रेड कर रहा है।निफ्टी का सपोर्ट 17500 पर स्थान्तरित हो गया है जबकि 17800 पर तात्कालिक अवरोध है।बैंक निफ्टी का सपोर्ट 38700 पर है जबकि अवरोध 39500 है।
कुलमिला कर मार्केट आनेवाले सप्ताह में शक्तिशाली लग रहा है।अच्छी गुणवत्ता के शेयरों में हर गिरावट पर खरीदारी की जा सकती है।मार्केट में तीन दिनों के लगातार अवकाश के बाद भी सकारात्मक स्थायित्व बना रहा जो इसके शक्तिशाली हाथों में होने को दर्शाता है हालांकि छोटे उछाल तथा गिरावट का उपयोग ट्रेडर ने लाभ ले लेने में किया है।अत्यंत कड़े स्टॉप लॉस के साथ ही ट्रेड करें।यदि कुछ बड़ी नकारात्मक बात नही आती तो तेजड़िये फिर से आक्रामक हो सकते हैं।
पलक कोठारी
सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट
चॉइस ब्रोकिंग
Source: Choice India
75वें आजादी के अमृत महोत्सव पर 75 किलोमीटर की बाइक रैली: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने बाइक रैली निकालकर मनाया हर घर तिरंगा अभियान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आजादी के अमृत वर्ष पर देश की एकता, अखंडता और राष्ट्रीयता के प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान देने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा हर घर तिरंगा अभियान आयोजित किया जा रहा है। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा हर घर तिरंगा यात्रा के जागरूकता संदेश के लिए बाइक रैली का आयोजन किया गया। इस यात्रा को श्री वी.डी. शर्मा जी, प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी और श्रीमती मालती राय, महापौर भोपाल नगर निगम ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ विजय सिंह, शिक्षाविद डाॅ. अमिताभ सक्सेना एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। यह यात्रा सारनाथ कांपलेक्स, एमपी नगर से प्रारंभ होकर नेहरू नगर, भदभदा चौराहा, पॉलिटेक्निक चौराहा, वीआईपी रोड, लालघाटी चौराहा, नादरा बस स्टैंड, भोपाल टॉकीज, जहांगीराबाद, चेतक ब्रिज, होशंगाबाद रोड से होते हुए रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के परिसर पर समाप्त हुई। इस यात्रा में विश्व विद्यालय के विद्यार्थी फैकल्टी स्टॉप, राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट और राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।
इस अवसर पर श्री वी डी शर्मा जी ने कहा कि हर घर तिरंगा अभियान का उद्देश्य युवा पीढ़ी में देशभक्ति की भावना जगाना और तिरंगे से जुड़ाव को गहरा करना है। इस यात्रा से हम अपनी युवा पीढ़ी में तिरंगे के प्रति सम्मान और अधिक बढ़ा पाएंगे। यह यात्रा हमें आजादी प्रदान करने वाले वीरों के त्याग को भी बता रही है। हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत हमें अपने घरों पर गर्व से तिरंगा फहराना चाहिए। वहीं महापौर श्रीमती मालती राय ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज हमारे अंदर राष्ट्र के प्रति समर्पण के भाव को और भी प्रबल करता है। हमें दूसरे लोगों को भी तिरंगे के सम्मान में आयोजित इस कार्यक्रम में जुड़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए। हमारा देश और हमारा समाज स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सदैव ऋणी रहेगा। उनके कारण ही आज हम आजाद देश के नागरिक हैं।
समापन अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रांगण में डॉ अदिति चतुर्वेदी, निदेशक आईसेक्ट ग्रुप ऑफ यूनिवर्सिटीज ने सफल यात्रा की बधाई देते हुए कहा कि हमें सक्रियता और कर्मठता के साथ सभी को हर घर तिरंगा अभियान से जोड़ते हुए तिरंगे के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बताना है। वहीं डॉ विजय सिंह ने कहा कि पूरे देश में इन दिनों हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है और देश की आजादी के अमृत अवसर पर हर किसी को शामिल किए जाने हेतु आमंत्रित किया जा रहा है। हम सभी के लिए गर्व की बात है कि आज सभी देशवासियों को देश का राष्ट्रीय ध्वज फहराने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया जी ने बाइक रैली के सभी प्रतिभागियों एवं पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त किया साथ ही विश्वास जताया कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी समाज को और सशक्त बनाने में अपना उत्कृष्ट योगदान देंगे।
CSS Founder: A Web Design Company डिजिटलाइजेशन को आगे बढ़ाने और मेड इन इंडिया का सपना पूरा करने में अपना योगदान दे रहा है।
डिजिटल डेस्क, नोएडा। CSS Founder एक वेबसाइट डिजाइनिंग कंपनी है जो कि मेक इन इंडिया के विजन को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखती है। हजारों वेबसाइट बनाने के पश्चात CSS Founder ने अपनी छाप भारत के साथ-साथ भारत के बाहर विविध ग्राहकों के साथ जुड़ी हैं जिनमें यूएई, यूएएस और यूके जैसे देश शामिल है। इस कंपनी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी क्षेत्र एवं पृष्ठभूमि तथा वित्तीय क्षमता के व्यवसायियों के लिए बहुत सुंदर वेबसाइट डिजाइनिंग को पूरा करते हैं। Css Founder एक Website Designing Company in Delhi है जो की दिल्ली एनसीआर में बहुत प्रचलित है ये कंपनी एक ही लक्ष्य पर काम कर रही है वो है हर किसी स्टार्टअप या बिज़नेस का अपना खुद का वेबसाइट हो और वो डिजिटल इंडिया में अपना योगदान दे सक।
'मेड इन इंडिया' अभियान में हिस्सा
इमरान खान कंपनी के संस्थापक हैं और इनके मार्गदर्शन में कार्य करते हुए फॉर्म अपनी सभी विश्वासनीय सस्ती एवं विश्वसनीय व्यवसाय डिजाइनिंग के सेवाओं के लिए खास तौर पर जानी जाती हैं, क्योंकि सारे जगह सालों को डिजिटल मैप पर लाएंगे। 2016 में कंपनी की स्थापना के पश्चात सी एस एस फाउंडर 'मेड इन इंडिया' वेबसाइटों के साथ अपना व्यापारिक समुदाय को पूरा करने के लिए कार्य किया है और जरूरतमंद बच्चों के लिए एवं गरीबों को मुफ्त भोजन और राशन प्रदान करने का लक्ष्य रखा है।
CSS Founder के संस्थापक इमरान खान जी का कहना है कि "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस उद्योग से आ रहे हैं। हम आपको एक वेबसाइट बनाने में सक्षम रूप से मदद करेंगे एवं प्रेरित करेंगे। जिससे कि आप की व्यवस्थाएं को उड़ान भरने में मदद प्रदान हो पाएगी" और आज के युग में एक व्यवसाय के लिए एक वेबसाइट होना अति आवश्यक है वैश्विक स्तर पर 'मेड इन इंडिया' के सपने को पूरा करने का लक्ष्य रखते हैं और 'मेक इन इंडिया' के अभियान को भी प्रतिक्रियाओं के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।
भलाई के लिए आगे कदम बढ़ाए
केवल इतना ही नहीं यह टीम गरीबों की भलाई के लिए भी आगे आई है जिसके अंतर्गत उन्होंने गरीब बच्चों को खाना बांटा एवं जरूरतमंदों को राशन प्रदान भी करने का लक्ष्य रखा है भोजन में राजमा, चावल, अचार, रायता, चिप्स, पारले जी बिस्किट, छोले, पूरी और उसके साथ मिठाई भी रखी है। यदि हम राशन की बात करें तो दाल, चावल, आटा, चीनी, तेल, नमक, मटर, चने, सोयाबीन और कुछ जरूरी मसाले भी बांटने के लिए लिस्ट में रखे हैं और यह राशन मुफ्त में बांटा जाता है और भोजन भी मुफ्त में कराया जाता है। पूरे वर्ष में 80,000 बच्चों को भोजन कराने का लक्ष्य CSS Founder द्वारा रखा गया है।
चाहते हैं डिजिटलाइजेशन को बढ़ाना
भारत के साथ-साथ यह कंपनी अमेरिका में भी अपने कदम जमाने के लिए प्रतिबंध है एवं पहले से ही यह कंपनी पर कई सारे परियोजनाओं को शुरू कर चुकी है और इसकी सटीकता बहुत गहराइयों तक पहुंच चुकी है। उसी के साथ या कंपनी कोलंबिया, रियाद, शिकागो, दुबई, अबू धाबी, जेद्दा, नॉर्वे, डेनवर, बोईस, टोरंटो, टोक्यो, शारजाह और अटलांटा जैसे आधी टॉप विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ रही है।
कंपनी द्वारा अपने उपयोगकर्ताओं के लिए वेबसाइट बनाने का कार्य जटिलता के साथ किया जा रहा है और यह भारत में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण रूप से कोशिश कर रही है उसी के साथ-साथ विदेशों से भी संबंध बना रहे हैं। CSS Founder कया कहना है कि स्टार्टअप, व्यवसाय को आगे बढ़ने के साथ साथ हमें अपने योगदान देश के लिए भी देना चाहिए।
लॉ समाधान: कानूनी और लेखा समस्याओं के समाधान का एकमात्र स्थान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोर्ट-कचहरी के चक्कर कोई नहीं काटना चाहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जहां जनता को सही सलाह न मिलने का डर सताता है, वहीं, कानून के पचड़े में पड़ना घर बार बिकने के सामान समझा जाता है। इसी डर से आज भी ऐसा देखा जाता है की बहुत से केस रिपोर्ट ही नहीं हो पाते हैं। लेकिन, यदि जनता के पास ऐसा कुछ हो जिस पर वह विश्वास कर सके और ठगा सा महसूस न करे, तो कैसा होगा? ऐसा होने पर न सिर्फ जनता को सही कानूनी सलाह मिलेगी, सलाह उनकी जेब पर भारी भी नहीं पड़ेगी और आसानी से मिलेगी। ऐसा ही है लॉ समाधान पोर्टल। कानूनी और लेखा सेवा प्रदान करने की क्षमता रखने वाले इस पोर्टल पर जनता विश्वास कर सकती है क्योंकि इसके साथ जुड़ें होंगे देश के बेहतरीन और जाने माने वकील और लेखा सेवाओं से जुड़े प्रोफेशनल।
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