पाकिस्तान में जेयूडी के 4 शीर्ष आतंकियों को कैद की सजा
इस्लामाबाद, 18 जून (आईएएनएस)। पाकिस्तान में एक आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने आतंक वित्तपोषण और धनशोधन के मामले में गुरुवार को आतंकवादी सरगना हाफिज सईद के करीबी व आतंकी संगठन जमात उद दावा (जेयूडी) के चार शीर्ष नेताओं को जेल में कैद की सजा सुनाई।
लाहौर स्थित एटीसी ने जेयूडी के जिन चार सरगनाओं को सजा सुनाई है, उनमें हाफिज सईद का करीबी रिश्तेदार अब्दुल रहमान मक्की भी शामिल है। अदालत के आदेशों के अनुसार, मक्की व हाफिज अब्दुल सलाम को कम से कम एक साल कैद और बीस हजार रुपये जुर्माना और प्रोफेसर जफर इकबाल और यहया मुजाहिद को कम से कम पांच साल कैद व पचास हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
अदालत ने जेयूडी के संचालकों को तन्जीम अल-अनफाल ट्रस्ट के नाम के स्वामित्व वाली संपत्तियों के उपयोग का दोषी पाया। यह संगठन प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की सहायक इकाई के रूप में काम कर रहा था।
अदालत ने कहा कि इस संपत्ति का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों और आतंकवादियों के समर्थन के लिए किया गया।
अदालत के फैसले के मुताबिक, संपत्ति सह-अभियुक्त अब्दुल सलाम द्वारा प्राप्त की गई थी, जिसने बाद में इसे तन्जीम अल-अनफाल को स्थानांतरित कर दिया। संपत्ति इन चारों के नियंत्रण में रही, जिन्होंने इसका इस्तेमाल आतंक-वित्तपोषण और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मदरसा जामिया सतारिया के निर्माण के लिए किया।
फैसले में यह भी कहा गया है कि जेयूडी, लश्कर, तन्जीम अल-अनफाल और अन्य पर प्रतिबंध के बाद अभियुक्तों के पास इन संगठनों से अलग होने के लिए पर्याप्त समय था। हालांकि, इन चारों ने माना कि अल-अनफाल ट्रस्ट के प्रतिबंधित होने से पहले वे इसके सदस्य थे।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के समक्ष अपनी प्रगति रिपोर्ट पेश करने की तैयारी कर रहा है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान पर आतंक वित्तपोषण और धनशोधन पर अंकुश लगाने के लिए भारी दबाव बनाया हुआ है।
एफएटीएफ ने पाकिस्तान से जेयूडी प्रमुख हाफिज सईद और उससे संबद्ध सदस्यों और संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा हुआ है।
पाकिस्तान अभी एफएटीएफ की ग्रे सूची में है। अगर वह अंतर्राष्ट्रीय संस्था द्वारा आतंक वित्तपोषण व धनशोधन के खिलाफ निर्धारित लक्ष्यों को पूरा नहीं करता तो वह संस्था की काली सूची में जा सकता है जो उसकी अर्थव्यवस्था के लिए घातक होगा।
Created On :   18 Jun 2020 8:32 PM IST