असम में ट्रेन की चपेट में आने से 5 हाथियों की मौत

5 Elephants Killed After Speeding Train Hits Them In Assam
असम में ट्रेन की चपेट में आने से 5 हाथियों की मौत
असम में ट्रेन की चपेट में आने से 5 हाथियों की मौत

डिजिटल डेस्क, गुवाहाटी। असम के होजई में ट्रेन की चपेट में आने से पांच हाथियों की मौत हो गई। ये हादसा पटरी पार करते समय हुआ। इस एक्सिडेंट के बाद काफी देर तक रेल यातायात प्रभावित रहा। हाथियों के शव को पटरी से हटाने के बाद दोबारा रेल यातायात शुरु किया जा सका। ये हादसा शनिवार को गुवाहाटी-सिलचर एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से हुआ है।

एक वन अधिकारी ने बताया है कि शनिवार की रात गुवाहाटी-सिलचर एक्सप्रेस ट्रेन के गुजरते समय लुमडिंग रिजर्व वन के निकट हबैपुर में हाथियों का एक झुंड रेल पटरियों को पार कर रहा था। हादसे में पांच हाथियों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जहां पर हादसा हुआ वह इलाका हाथी कोरिडोर के अन्तर्गत आता है और 19 स्थानों को उस सूची में शामिल किया गया है जहां से हाथी लुमडिंग, होजई और लंका वन श्रंखला में रेलवे पटरियों को पार करते हैं।

हादसे के वक्त वहां मौजूद लोगों ने आरोप लगाया कि हाथियों को वहां से गुजरते देख उन्होंने लोको पायलट को ट्रेन की रफ्तार धीमी करने के संकेत देने की कोशिश की थी, लेकिन लोको पायलट ने ट्रेन की स्पीड धीमी नहीं की।

नार्थ ईस्ट सीमांत रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि हाथी कोरिडोर में ट्रेनों की रफ्तार 20 किलोमीटर प्रतिघंटा की रखी गई है। उन्होंने बताया कि ट्रेन का इंजन क्षतिग्रस्त हुआ है। वहीं वन विभाग के एक और अधिकारी ने बताया कि प्राकृतिक मौत के अलावा करंट लगने, तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आने, जहर, मानव हमलों और अन्य दुर्घटनावश कारणों से पिछले साल 70 हाथियों की जान गई थी।

इससे पहले दिसंबर 2017 में भी तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आने से उत्तरी असम के सोनितपुर जिले में 6 हाथियों की मौत हो गई थी।  ये हादसा उस वक्त हुआ जब गुवाहाटी- नाहरलगुन एक्सप्रेस के ड्राइवर ने 30-35 हाथियों के समूह को रेल पटरी पार करते देखा। इमरजेंसी ब्रेक लगाने की कोशिश की गई, लेकिन ट्रेन की रफ्तार तेज होने की वजह से हाथी इसकी चपेट में आ गए। हादसा देर रात करीब 02.30 बजे हुआ था।

असम के फॉरेस्ट मिनिस्टर प्रमिला रानी ब्रह्मा ने बताया कि यह घटना तब हुई जब पास के रेलवे क्रॉसिंग के गेटमैन हाथियों के झुंड को देखकर वहां से चला गया। हाथियों ने गेटमेन के रूम को पूरी तरह से तबाह कर दिया था। फॉरेस्ट मिनिस्टर ने कहा कि गेटमेन अगर समय पर इसकी जानकारी रंगापारा स्टेशन मास्टर को दे देता तो ट्रेन को रोका जा सकता था और ये हादसा टल जाता।

खबरों के मुताबिक तेजी से बढ़ रहे अतिक्रमण और जंगलों की कटाई के कारण खाने की तलाश में ये हाथी इस इलाके में आ गए थे। ये भी कहा जा रहा है कि नामेरी नेशनल पार्क से भटके हाथियों को चारिदुआर सर्कल में कुछ दिनों से लगातार अलग-अलग जगहों पर देखा गया है। 

Created On :   11 Feb 2018 10:44 PM IST

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