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- 58 teams of NDRF engaged in saving people from floods in Kerala
दैनिक भास्कर हिंदी: NDRF कर्मी बना सीढ़ी, पीठ पर पैर रखकर नाव में उतरे लोग- देखें वीडियो
हाईलाइट
- केरल में बाढ़ के बीच मददगार बनी NDRF की टीम
- अपनी पीठ चढ़ाकर लोगों को नाव में उतारा
- सोशल मीडिया पर वीडियो हो रहा है वायरल
डिजिटल डेस्क, तिरुअनंतपुरम। केरल में हर तरफ सिर्फ तबाही का मंजर नजर आ रहा है। पूरा राज्य पिछले 100 साल की सबसे भयानक बाढ़ की चपेट में है। सैकड़ों लोग मारे जा चुके है। ढाई लाख से ज्यादा लोगों ने अपना घर खो दिया है। 19 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बर्बाद हो चुकी हैं। सड़क, रेल और हवाई सेवा बंद है। टेलीकॉम कंपनियों के नेटवर्क काम नहीं कर रहे हैं। इन सबके बीच मदद का मात्र आसरा भारतीय सेना है। सेना के जवान दिन-रात राहत-बचाव में जुटे हैं। भारी बारिश से लोगों के घरो में पानी भर गया है। सब अपनी छतों पर बैठकर आसमान की ओर मदद की आस देख रहे हैं। ऐसे मे आपदा मोचन दल (NDRF) और भारतीय सेना बाढ़ में फंसे लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। बाढ़ और तबाही के बीच NDRF की टीम केरलवासियों के लिए किसी देवदूत से कम नहीं हैं।
एनडीआरएफ कर्मी खुद की जान जोखिम में डालकर बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं और जरूरतमंदों तक राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं। एनडीआरएफ की टीम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें NDRF के जवान को खुद को सीढ़ी बनाकर भी लोगों की मदद कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें बाढ़ में फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए NDRF के जवान एक नाव को लेकर खड़े हैं। पानी अधिक होने की वजह से महिलाएं नाव में चढ़ नहीं पा रही है। महिलाओं की परेशानी देख NDRF के एक जवान पानी में घुटनों के बल खड़ा होकर सीढ़ी बनने का काम करता है। महिलाएं उस जवान की पीठ पर पैर रखकर नाव में सवार हो रही हैं। एनडीआरएफ के इस जवान का बाढ़ पीड़ितों के लिए यह समर्पण हर किसी के दिल को छू रहा है। जो भी इस वीडियो को देख रहा है, वह एनडीआरएफ की दिल खोल कर तारीफ कर रहा है। एनडीआरएफ के इस तरह के तमाम वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड हो रहे हैं, जिनमें उनकी मेहनत को देखा जा सकता है। ऐसे कई मौके हैं जिनमें एनडीआरएफ के जवान खुद को सीढ़ी बनाकर जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं।
केरल मे बाढ़ से पीड़ित लोगों की मदद करने के लिए 58 टीमें राहत-बचाव के काम में जुटी हैं। अब तक ये टीमें बाढ़ में फंसे 15 हजार से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा चुकी हैं। NDRF के अधिकारी ने बताया कि बाढ़ से जूझ रहे केरल में बल ने अपना राहत एवं बचाव अभियान तेज कर दिया है। सेना की जांबाजी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें भारतीय सेना की बहादुरी साफ दिखाई दे रही है। इस वीडियो को सबसे पहले भारतीय सेना ने अपने अधिकारिक ट्विटर पर अपलोड किया था। वीडियो में वायु सेना के कैप्टन पी राजकुमार ने अपनी जान की चिंता किए बगैर 42B हेलीकाप्टर को एक मकान की छत पर लैंड कराकर 26 लोगों को एयरलिफ्ट कर उनकी जान बचाई। वायु सेना के वीर जवान कप्तान पी राजकुमार ने बमुश्किल चॉपर को एक घर की छत पर उतारकर 32 लोगों का जीवन बचाया। राजकुमार पूर्व में शौर्य चक्र से सम्मानित हो चुके हैं। इससे पहले नौसेना ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें एक नेवी का हेलिकॉप्टर एक गर्भवती महिला को बचा रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि महिला की मदद के लिए हेलिकॉप्टर से रस्सी लटकाई गई है, जिसे महिला की कमर से ऊपर बांध दिया जाता है और धीरे-धीरे उन्हें ऊपर खींच लिया जाता है। इस दौरान महिला के गर्भाशय से लगा वॉटर बैग भी लीक हो गया था। बाद में महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। इस मिशन को सेना के कमांडर विजय वर्मा ने पूरा किया है।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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