JNU, BHU समेत 60 उच्च संस्थानों को UGC से मिली स्वायत्तता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए JNU, BHU समेत 60 उच्च संस्थानों को पूरी आजादी देने का फैसला किया है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद इन संस्थानों को यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (UGC) पर निर्भर नहीं रहना होगा। केंद्र सरकार ने ये फैसला शिक्षा में सुधार के मद्देनज़र लिया है। शिक्षा के क्षेत्र में लिया गया ये एक ऐतिहासिक फैसला है। जिसमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 60 उच्च शैक्षणिक संस्थानों को स्वायत्तता प्रदान की है। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नई दिल्ली में एक मीडिया ब्रीफिंग में यह घोषणा की।
जावड़ेकर ने कहा कि सरकार शिक्षा क्षेत्र में एक उदार शासन शुरू करने का प्रयास कर रही है और जोर गुणवत्ता के साथ स्वायत्तता को जोड़ने पर है। उन्होंने कहा कि 60 उच्च शैक्षणिक संस्थानों को स्वायत्तता प्रदान की गई है, जिनमें 52 विश्वविद्यालय शामिल हैं। भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आइआइएम) को कानून बनाकर पूर्ण स्वायत्तता देने के बाद अब उन उच्च शिक्षा संस्थानों को स्वायत्तता दी गई है, जिन्हें राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ने 3.26 से अधिक ग्रेड दी है।
इनमें केंद्रीय विश्वविद्यालय में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू), काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय और द इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेजेस यूनिवर्सिटी, तेलंगाना शामिल हैं।
बता दें कि 5 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 21 राज्य विश्वविद्यालय, 24 प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय और 2 निजी विश्वविद्यालय इस लिस्ट में शामिल हैं। जावड़ेकर ने बताया कि ये विश्वविद्यालय यूजीसी के दायरे के भीतर बने रहेंगे, लेकिन नए पाठ्यक्रम शुरू करने, कैंपस केंद्रों, कौशल विकास पाठ्यक्रम, अनुसंधान पार्क और किसी अन्य नए अकादमिक कार्यक्रमों को शुरू करने की स्वतंत्रता होगी। उनके पास विदेशी संकाय की नियुक्ति, विदेशी छात्रों को नामांकित करने, संकाय को प्रोत्साहन आधारित भत्ते देने, शैक्षिक सहयोग में प्रवेश करने और खुले दूरी सीखने के कार्यक्रम चलाने की आजादी भी होगी।
इसके साथ ही आठ कॉलेजों को भी स्वायत्तता प्रदान की गई है। इन आठ स्वायत्त कॉलेजों को अपने स्वयं के पाठ्यक्रम को लागू करने, परीक्षाओं कराने, मूल्यांकन जारी करने और परिणाम घोषित करने के लिए स्वतंत्रा मिलेगी। इस मामले में, केवल डिग्री संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा दी जाएगी। जावड़ेकर ने बताया कि निम्न गुणवत्ता वाले तीन प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों को एक शो कारण नोटिस भी दिया जाएगा।
Created On :   21 March 2018 8:47 AM IST