जम्मू-कश्मीर पहुंचा 27 EU सांसद का प्रतिनिधिमंडल, भड़का विपक्ष

जम्मू-कश्मीर पहुंचा 27 EU सांसद का प्रतिनिधिमंडल, भड़का विपक्ष

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद आज (मंगलवार) पहली बार विदेशी प्रतिनिधिमंडल (यूरोपियन यूनियन) जम्मू-कश्मीर के लिए पहुंचा चुका है। 27 यूरोपीय सांसदों का ये दल घाटी में सबसे राज्यपाल सत्यपाल मालिक से मुलाकात करेगा।उसके बाद कश्मीरी लोगों से मुलाकात करेगा। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत करेगा। इन सांसदों ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की थी। भारत में राजनीतिक दलों ने EU के इन सांसदों के कश्मीर दौरे का विरोध किया है और सरकार पर निशाना साधा है। बता दें कि 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाने के बाद किसी विदेशी दल का ये पहला घाटी दौरा है। 

वेल्स से यूरोपीय सांसद नैथन गिल ने कहा, हमारे लिए कश्मीर में एक विदेशी प्रतिनिधिमंडल के रूप में जाना और वहीं की जमीन पर जो कुछ भी हो रहा है, उसे पहली बार देखना यह एक अच्छा अवसर है।

 

विदेशी सांसदों के दौरे पर विपक्ष भड़का
यूरोपियन सांसदों के जम्मू-कश्मीर दौरे को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पूछा जब भारतीय सांसदों या नेताओं को जम्मू-कश्मीर नहीं जाने दिया जा रहा है, तो EU सांसदों को ये परमिशन कैसे मिल गई। राहुल ने ट्वीट करते हुए लिखा, ""कश्मीर दौरे के लिए यूरोपियन यूनियन सांसदों का स्वागत हो रहा है जबकि भारतीय सांसदों को वहां जाना बैन है। कुछ तो गड़बड़ हो रहा है।""

कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने आरोप लगाया, ‘‘यूरोपीय संघ के सांसदों के लिए सरकार की ओर से रेड कार्पेट बिछाया जाना और उन्हें जम्मू-कश्मीर के दौरे के लिए आमंत्रित करना भारतीय संसद की संप्रभुता और सांसदों के विशेषाधिकार का अपमान है।’’

पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने के ट्वीटर हैंडल से भी ट्वीट करते हुए लिखा गया है, ""उम्मीद है कि उन्हें लोगों, स्थानीय मीडिया, डॉक्टरों और नागरिक समाज के सदस्यों से बातचीत करने का मौका मिलेगा। कश्मीर और दुनिया के बीच के लोहे के आवरण को हटाने की जरूरत है।जम्मू-कश्मीर को अशांति की ओर धकेलने के लिए भारत सरकार को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।’’ उन्होंने अमेरिकी सीनेटरों को अनुमति नहीं देने के केंद्र के फैसले पर सवाल उठाया।

BJP के राज्यसभा सांसद स्वामी ने कहा कि विदेशी मंत्रालय के द्वारा इस दौरे की इजाजत देना भारत की नीति के खिलाफ है, ऐसे में केंद्र सरकार को इस फैसले को तुरंत वापस लेना चाहिए। 

 

Created On :   29 Oct 2019 3:35 AM GMT

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