जनता कर्फ्यू और उसके बाद भी तबलीगी जमात मुख्यालय में बेतहाशा भीड़ मौजूद थी

A massive crowd was present at the Janta curfew and the Tabligi Jamaat headquarters even after that.
जनता कर्फ्यू और उसके बाद भी तबलीगी जमात मुख्यालय में बेतहाशा भीड़ मौजूद थी
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नई दिल्ली, 31 मार्च (आईएएनएस) । जब फांस गले में फंसी तो हर कोई जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है। वो चाहे पुलिस हो, दिल्ली सरकार या फिर मरकज तबलीगी जमात प्रबंधन। हकीकत यह है कि जमात मुख्यालय प्रबंधन की जिद और झूठ के आगे सबने सिर झुका रखा था। भले ही अप्रत्यक्ष रुप से ही क्यों न सही। शायद यही तमाम कारण रहे जो जनता कर्फ्यू की घोषणा से पहले और बाद भी जमात मुख्यालय में हजारों आदमी घुसा रहा।

अगर सूत्रों की मानें तो जमात मुख्यालय में एक साथ 10 से 15 हजार की भीड़ जमा हो सकती है। मार्च 7 से 10 के बीच में 5 से 8 हजार तक की भीड़ की मौजूदगी की बातें निकल कर सामने आ रही हैं। इसी तरह 13 मार्च से 18 मार्च तक एक अनुमान के मुताबिक, रातों में भी यहां छोटी-मोटी बैठकों का दौर चला। जिनमें 3 से 5 हजार लोगों की भीड़ मौजूद होने की खबरें दिल्ली पुलिस स्पेशल ब्रांच को मिलती रही थीं। लोकल थाना बार बार इस भीड़ को तितर बितर करने का आग्रह जमात के कर्ताधर्ताओं से करता रहा। इसके बाद भी मगर कुछ नहीं किया गया।

इतनी बड़ी तादाद में भीड़ की मौजूदगी के बारे में मंगलवार को जब आईएएनएस ने जमात प्रवक्ता डॉ. मो. शोएब अली से पूछा तो उन्होंने कहा कि जमात है तो भीड़ होना लाजिमी है। यहां 10 हजार तक लोग एक साथ आ सकते हैं। जहां तक आपके पास जो भीड़ का तारीख-ब-तारीख हिसाब है उसके बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता हूं। हां यह जरुर है कि जिस रात मोदी जी ने लॉकडाउन की बात पहली मर्तबा की उस रात भी जमात हेडक्वार्टर में 5 हजार से ज्यादा देशी विदेशी मेहमान मौजूद थे।

प्रवक्ता के बयान और आईएएनएस के पास मौजूद आंकड़ों में थोड़ा बहुत फर्क हो सकता है। मगर इतना ज्यादा भी नहीं कि विश्वास न किया जाये। मतलब साफ है कि लाख समझाने के बाद भी वक्त रहते भीड़ को जमात मुख्यालय से नहीं हटाया गया। और जब न हटाने का वक्त था तो कोरोना संक्रमित संदिग्ध जमा हेडक्वार्टर को छोड़कर चोरी-छिपे ही देश में जाकर फैल गये।

प्रवक्ता ने आईएएनएस के सवाल के जबाब में कहा कि ऐसा नहीं है कि जमात पहुंचे सब लोग हमारी मर्जी से देश में आते जाते हैं। यहां आने के बाद सब स्वतंत्र हैं। जहां चाहें वहां जायें। शायद इसीलिए कुछ लोग अंडमान निकोबार भी निकल गये होंगे। यह जाने वालों से पूछिये कि वे अंडमान निकोबार क्यों गये?

-- आईएएनएस

Created On :   31 March 2020 7:30 PM GMT

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