2G मामले पर ए. राजा की किताब, CAG विनोद राय को बताया सूत्रधार

A Rajas book on 2G case, targets Vinod Rai and Manmohan singh
2G मामले पर ए. राजा की किताब, CAG विनोद राय को बताया सूत्रधार
2G मामले पर ए. राजा की किताब, CAG विनोद राय को बताया सूत्रधार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 2G स्पेक्ट्रम मामले में विशेष सीबीआई अदालत द्वारा आरोपों से बरी किए जाने के बाद पूर्व टेलीकॉम मिनिस्टर ए. राजा की जल्द ही एक किताब प्रकाशित होने वाली है। इस किताब में 2G मामले से जुड़े कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि ए. राजा ने इस किताब में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय की रिपोर्ट पर निशाना साधा है। उन्होंने इस घोटाले के पीछे विनोद राय को ही जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने दावा किया है कि तत्कालीन सीएजी विनोद राय ने 1.76 लाख करोड़ रुपए के राजस्व नुकसान का सिद्धांत दिया था। इस वजह से वे ही इस घोटाले का सूत्रधार थे।

ए. राजा की किताब "2G सागा अनफोल्ड्स"  में बताया गया है कि विनोद राय के दावे निराधार और काल्पनिक थे। किताब में राजा ने यह भी लिखा है कि 2G घोटाले की मनगढंत कहानी के लिए विनोद राय के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिए। किताब में 2G मामले में कैग की रिपोर्ट को कचरा बताते हुए राजा लिखते हैं कि यह रिपोर्ट ठीक वैसी ही है, जैसे एक बिल्ली आंख बंद करके कहती है कि पूरा ब्राह्मांड अंधकारमय है।

किताब में राजा ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की चुप्पी पर भी निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है कि इस मामले पर मनमोहन सिंह की चुप्पी देश की सामूहिक चुप्पी जैसी थी। उन्हें 2-G मामले में उनके सलाहकारों द्वारा बार-बार गलत सलाह दी गई। राजा ने यह भी लिखा है कि पीएमओ पर टेलीकॉम लॉबियों का भी प्रभाव था।

गौरतलब है कि इस 2-G केस में सीबीआई कोर्ट ने ए. राजा और डीएमके सांसद कनिमोझी समेत सभी 17 आरोपियों को बरी कर दिया था। आरोपों से बरी किए जाने के बाद राजा ने कहा था कि उन्हें जबरन इसमें फसाया गया, जबकि वास्तव में यह कोई घोटाला था ही नहीं। उन्होंने कहा था, "मैं हमेशा से निर्दोष था, लेकिन अब कोर्ट के फैसले से मैं खुद को दोषमुक्त महसूस कर रहा हूं।" उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने टेलीकॉम सेक्टर में क्रांति लाने का काम किया था, लेकिन उन्हें इस अच्छे काम के लिए बड़ी सजा मिली।

इसके बाद राजा ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को एक भावुक खत भी लिखा था। इस खत में ए. राजा ने लिखा था कि अब जब उन्हें दोषमुक्त करार दे दिया गया है तो पूर्व पीएम को उनका खुला समर्थन करना चाहिए जो वह पहले मजबूरीवश नहीं कर पाए थे।

क्या था 2G स्पेक्ट्रम घोटाला? 
2010 में आई एक कैग रिपोर्ट सामने आई जिसमें खुलासा किया गया कि 2008 में बांटे गए स्पेक्ट्रम में गड़बड़ी है। इसमें बताया गया था कि स्पेक्ट्रम की नीलामी के बजाए "पहले आओ, पहले पाओ" के आधार पर इसे बांटा गया था, जिससे सरकार को करीब एक लाख 76 हजार करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। रिपोर्ट में कहा गया कि नीलामी के आधार पर अगर लाइसेंस बांटे जाते तो यह रकम सरकारी खजाने में जाती।

Created On :   11 Jan 2018 10:32 PM IST

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