सिख दंगे पर प्रस्ताव: AAP में घमासान, अलका लांबा की छुट्टी, सोमनाथ भारती भी हटाए गए
- AAP की विधायक अलका लांबा की पार्टी से छुट्टी कर दी गई है।
- राजीव गांधी के भारत रत्न वापस लेने का प्रस्ताव के बाद
- अब एक नया मोड़ सामने आया है।
- सोमनाथ भारती को भी प्रवक्ताओं के पैनल से हटा दिया गया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के भारत रत्न वापस लेने का प्रस्ताव दिल्ली विधानसभा में पारित होने के बाद,अब एक नया मोड़ सामने आया है। AAP की विधायक अलका लांबा की पार्टी से छुट्टी कर दी गई है। वहीं सोमनाथ भारती को भी प्रवक्ताओं के पैनल से हटा दिया गया है। जबकि विधायक जरनैल सिंह पर भी कार्रवाई करने किए जाने की बात कही जा रही है। सूत्रों के अनुसार, अलका इस प्रस्ताव के खिलाफ थीं और नहीं चाहती थीं कि राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की मांग की जाए।
सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने खुद अलका से इस्तीफा मांगा है। उनकी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी रद्द कर दी गई है। हालांकि इस बारे में अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल सकी है, लेकिन अलका के ट्वीट के अनुसार वह इस प्रस्ताव से नाराज थीं। अलका ने ट्वीट कर लिखा, "विधानसभा में प्रस्ताव लाया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी को दिया गया भारत रत्न वापस लिया जाना चाहिये। मुझे मेरे भाषण में इसका समर्थन करने को कहा गया,जो मुझे मंजूर नही था। मैंने सदन से वॉक आउट किया। अब इसकी जो सज़ा मिलेगी,मैं उसके लिये तैयार हूँ।"
आज @DelhiAssembly में प्रस्ताव लाया गया की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी को दिया गया भारत रत्न वापस लिया जाना चाहिये,
— Alka Lamba (@LambaAlka) December 21, 2018
मुझे मेरे भाषण में इसका समर्थन करने को कहा गया,जो मुझे मंजूर नही था,मैंने सदन से वॉक आउट किया।
अब इसकी जो सज़ा मिलेगी,मैं उसके लिये तैयार हूँ। pic.twitter.com/ykZ54XJSAv
अलका ने एक और ट्वीट भी किया था जिसे बाद में उन्होंने डीलीट कर दिया। इस ट्वीट में उन्होंने प्रस्ताव की एक कॉपी भी लगाई थी। साथ ही लिखा था, "आज जब दिल्ली असेंबली में 1984 दंगों पर प्रस्ताव पेश किया गया था उस वक्त मैं सदन में उपस्थित नहीं थी, पर अभी प्रस्ताव की हिंदी कॉपी प्राप्त हुई,जो सदन में उपस्थित सदस्यों द्वारा सर्व सम्मति के साथ पास किया गया।।"
वहीं सोमनाथ भारती कुछ अलग ही कहते नजर आ रहे हैं। सोमनाथ भारती ने ट्वीट कर लिखा कि ऐसा कोई बिल विधानसभा में पारित ही नहीं हुआ। हालांकि वह यह मानते हैं कि इसकी पेशकश उन्होंने की थी, लेकिन उनके अनुसार यह प्रस्ताव का मूल हिस्सा नहीं बनी, न इसपर कोई वोटिंग हुई।
सोमनाथ भारती ने लिखा, "लेजिसलेटिव प्रोसेस में किसी भी प्रस्ताव पर हर विधायक अपने विचार को रखते हुए मूल प्रस्ताव में अपने विचार को जोड़ने की मांग या प्रस्ताव से किसी लाइन के साथ राजी ना होते हुए उसे प्रस्ताव से हटाने की मांग रख सकता है, लेकिन जब तक उस विधायक का जोड़ने घटाने के प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं होती तब तक वह मूल प्रस्ताव का हिस्सा नहीं बनता है। मेरा सुझाव सदन में माननीय अध्यक्ष महोदय ने वोटिंग के लिए रखा ही नहीं तो उस पर वोट कहां से होती इसी कारण मेरा सुझाव मूल प्रस्ताव का हिस्सा बना ही नहीं।"
लेकिन जब तक उस विधायक का जोड़ने घटाने के प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं होती तब तक वह मूल प्रस्ताव का हिस्सा नहीं बनता है। मेरा सुझाव सदन में माननीय अध्यक्ष महोदय ने वोटिंग के लिए रखा ही नहीं तो उस पर वोट कहां से होती इसी कारण मेरा सुझाव मूल प्रस्ताव का हिस्सा बना ही नहीं।...2/2 https://t.co/XfYtkIqFlw
— Adv. Somnath Bharti (@attorneybharti) December 21, 2018
बताया जा रहा है कि विवाद कॉपी को लेकर है और मामला सामने आने के बाद AAP इस मामले से खुद को दूर करने का ठिकाना ढ़ुंढ़ रही है। इन दो विधायकों के अलग-अलग बयान के बाद से यह तो पता चल गया है कि AAP में आपस में ही राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिए जाने की मांग को लेकर मतभेद हैं। अलका द्वारा अपलोड किए गए प्रस्ताव की कॉपी में साफ-साफ इसको पास होने को लेकर लिखा गया है, जबकि सोमनाथ भारती इससे इनकार कर रहे हैं। AAP विधायक सौरभ भारद्वाज भी सोमनाथ भारती से सहमत दिख रहे हैं। भारद्वाज ने कहा है कि एक विधायक ने खुद से इसमें यह बात लिख दी, जबकि यह मूल प्रस्ताव का हिस्सा थी ही नहीं।
Lines about Late Rajiv Gandhi were not part of resolution placed before house and distributed to the members.
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) December 21, 2018
One MLA in his handwriting proposed an addition/amendment about Late Rajiv Gandhi.
Amendments cannot be passed in this manner.
बता दें कि शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न सम्मान वापस लेने का प्रस्ताव पारित किया गया। यह प्रस्ताव राजीव गांधी को 1984 सिख दंगों का दोषी मानते हुए पारित किया। प्रस्ताव के अनुसार राजीव गांधी ने इंदिरा गांधी की मौत के बाद विवादित बयान देकर सिख दंगों को भड़काया था। इसके बाद AAP के विधायक ने मीडिया से बात कर इसकी पुष्टि भी की थी। जरनैल सिंह ने कहा था, "राजीव गांधी के खिलाफ इस प्रस्ताव में कहा गया है कि दिल्ली सरकार, केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) से मांग करती है कि केंद्र सरकार राजीव गांधी को दिए गए अवार्ड को वापस ले, क्योंकि यह भारत के इतिहास में सबसे खराब "नरसंहार" था। इसके पीड़ितों के परिवारों को अभी तक न्याय नहीं मिल सका है और इसे बार-बार टाल दिया जाता है। बता दें कि 1991 में राजीव गांधी को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।"
Created On :   22 Dec 2018 12:14 AM IST