चिन्मयानंद की गिरफ्तारी के बाद उनके शिक्षण संस्थान को बदनामी का डर

After the arrest of Chinmayananda, his educational institute is afraid of infamy
चिन्मयानंद की गिरफ्तारी के बाद उनके शिक्षण संस्थान को बदनामी का डर
चिन्मयानंद की गिरफ्तारी के बाद उनके शिक्षण संस्थान को बदनामी का डर

शाहजहांपुर (उप्र), 20 सितंबर (आईएएनएस)। पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री स्वामी चिन्मयानंद के एसआईटी की गिरफ्त में आने के बाद उनके शिक्षण संस्थान की बदनामी को लेकर वहां का प्रबंध तंत्र चिंतित है। इस दौरान बीते कुछ दिनों से चल रहे घटनाक्रम के कारण बच्चे जहां एक ओर इस पर चर्चा से कतरा रहे हैं। वहीं विद्यालय के कुछ लोग इस मुद्दे पर आपस में भी बात करने से डरते हैं।

एसएस पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर अवनीश मिश्र के पास कॉलेज के प्रबंधक की जिम्मेदारी भी है। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि इन घटनाओं का मुमुक्षु आश्रम के शैक्षणिक संस्थानों की छवि पर तो असर पड़ ही रहा है, लेकिन आने वाले समय में सब ठीक हो जाएगा।

उन्होंने कहा, जाहिर सी बात है, जब परिसर में इस तरह की घटना घटित होती है तो शिक्षण कार्य थोड़ा बहुत निश्चित तौर पर बाधित होता है। इस बीच में छात्रों को संभालना पड़ता है, ताकि कोई मूवमेंट न खड़ा हो जाए। हालांकि अभी तक इस प्रकार की कोई घटना सामने नहीं आई है। संचालन में अभी तक कोई बाधा नहीं आई है।

डॉ. मिश्र ने कहा, हम लोगों के टीम वर्क के कारण अभी तक कोई परेशानी नहीं आई है। इन घटनाओं से अभी छात्रों की संख्या पर कोई असर नहीं पड़ा है। इतना जरूर है कि संस्थान की छवि के बारे में लोग बाहर बात करते हैं।

इसी संस्थान से हिंदी में पढ़ाई कर रहे एक छात्र ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि ऐसी घटना होने पर सबसे पहले घर में पूछा जाता है।

यह पूछे जाने पर कि क्या यह सही है या फिर यूंही मखौल उड़ाया जा रहा है? उन्होंने कहा, शर्म तो तब आती है जब आपके विद्यालय का अधिष्ठता ही ऐसी हरकत करता हुआ पाया गया हो। इससे शिक्षण संस्थान की बदनामी पूरे विश्व में हो रही है।

संस्कृत विद्यालय के एक अध्यापक ने कहा, छात्र जब घटना के बारे में हम लोगों से पूछते हैं, तब शर्मिदगी झेलनी पड़ती है। हालांकि क्या सही, क्या गलत इसका फैसला बाद में होगा। लेकिन शैक्षणिक संस्थानों से बहुत बड़ा संदेश जाता है।

आश्रम से कुछ दूरी पर स्टेशनरी की दुकान चलाने वाले शख्स ने कहा कि स्वामी की पहले भी बहुत हनक थी। लेकिन इस तरह के कांडों से शिक्षण संस्थानों के साथ इनकी खुद की बदनामी भी बहुत ज्यादा हो चुकी है। यहां पर तो इनके पक्ष में कोई बोलता नहीं दिख रहा है।

करीब 21 एकड़ में फैले परिसर में पांच शिक्षण संस्थाओं के अलावा मुमुक्षु आश्रम भी है। इस आश्रम की स्थापना 18 सितंबर, 1943 को स्वामी शुकदेवानंद ने की थी। नौ अगस्त को गुरुकुल प्रणाली से ब्रह्मचर्य विद्यालय की नींव रखी गई, जो साल 2003 में संस्कृत महाविद्यालय बना।

सन् 1954 में दैवी संपद इंटर कॉलेज की स्थापना हुई। 8 मार्च, 1964 को पूर्व गृहमंत्री गुलजारी लाल नंदा ने एसएस लॉ कॉलेज का शिलान्यास किया था।

यहां की व्यवस्थाएं स्वामी शुकदेवानंद के शिष्य सदानंद देखते थे। वर्ष 1965 में स्वामी शुकदेवानंद के ब्रह्मलीन होने के बाद स्वामी सदानंद आश्रम के अधिष्ठाता बने। उनके बाद स्वामी सारस्वतानंद, फिर स्वामी निश्चलानंद जी महाराज ने यह जिम्मेदारी संभाली। स्वामी निश्चलानंद ने जब इसकी जिम्मेदारी छोड़ी, तब सन् 1989 में स्वामी चिन्मयानंद यहां के अधिष्ठाता बने।

स्वामी चिन्मयानंद ने 1989 में जिले में पहला सीबीएसई माध्यम का स्कूल एसएसएमवी खोला। 25 फरवरी, 2003 में एसएस लॉ कॉलेज को स्वीकृति मिली। कई नए कोर्स शुरू हुए।

इस आश्रम में अभी कुल मिलाकर पांच स्कूल और कॉलेज संचालित हो रहे हैं। ये हैं धर्मानंद सरस्वती इंटर कॉलेज, दैवी संपद संस्कृत ब्राह्मचर्य महाविद्यालय, एएस कॉलेज, एएसएस लॉ विद्यालय, शंकर मुमुक्ष विद्यापीठ। इन सभी विद्यालयों में कुल मिलाकर 10 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं।

समाज कल्याण विभाग ने दलितों और पिछड़ों के लिए दो छात्रावास बनाए हैं, उन्हीं में से एक छात्रावास में पीड़ित लड़की भी रहती थी, जिसे अब सील कर दिया गया है।

आरोप लगने से पहले चिन्मयानंद की एक अलग साख थी। भाजपा में उनका कद बहुत ऊंचा था। केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके चिन्मयानंद ने गलती की है या नहीं, इसका पता तो बाद में चलेगा, लेकिन उनका सियासी सफर अब खत्म होता सा प्रतीत होने लगा है। भाजपा नेताओं ने भी अब उनके बारे में बात करनी छोड़ दी है। उन पर लगे दागों पर न्यायालय की पैनी निगाह है।

अटल सरकार में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री रह चुके स्वामी चिन्मयानंद को एसआईटी ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। एसआईटी ने उन्हें लॉ कॉलेज की एक छात्रा द्वारा लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों के आधार पर गिरफ्तार किया है। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। स्वामी चिन्मयानंद के अश्लील वीडियो के बदले 5 करोड़ रुपये मांगने के आरोप में एलएलएम छात्रा के साथी संजय सिंह, उसके चचेरे भाई विक्रम और मौसेरे भाई सचिन सेंगर को भी एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया है।

Created On :   20 Sept 2019 11:00 PM IST

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