IMF की नाराजगी से भी नहीं डिगे मोदी, गेहूं के बाद चावल के निर्यात पर भी बड़ा और ठोस फैसला जल्द लेने के संकेत!

After wheat and sugar, the government can now take a decision on the export of rice soon!
IMF की नाराजगी से भी नहीं डिगे मोदी, गेहूं के बाद चावल के निर्यात पर भी बड़ा और ठोस फैसला जल्द लेने के संकेत!
चावल निर्यात पर भी रोक! IMF की नाराजगी से भी नहीं डिगे मोदी, गेहूं के बाद चावल के निर्यात पर भी बड़ा और ठोस फैसला जल्द लेने के संकेत!
हाईलाइट
  • भारत चीन के बाद दुनिया का सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  देश के लोगों को मंहगाई से राहत देने के लिए सरकार गेंहू के निर्यात को बंद करने का फैसला ले चुकी है। वहीं खबर यह भी है कि अब मोदी सरकार गेंहू के बाद चावल  के निर्यात पर भी बैन लगा सकती है।

बता दें कुछ दिनों पहले ही सरकार ने गेंहू और चीनी के निर्यात पर रोक लगाने का फैसला  लिया था। इसके बाद मोदी सरकार घरेलु बाजार में चावल की कीमतों को काबू में रखने और पर्याप्त आपूर्ति बनी रहे इसको ध्यान में रखते हुए चावल पर भी प्रतिबंध लगाने का विचार कर रही है।   

दरअसल प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक समिति गठित की है जो जरूरी कमोडिटी के लिए प्रोडक्ट टू प्रोडक्ट का एनालिसिस कर रही है। जिसमें गैर बासमती चावल भी सम्मिलित है। बताया जा रहा है कि समिति ने पीएमओ को सुझाव दिया है कि अगर चावल की कीमतों में तेजी नजर आती है तो तुरंत इसके निर्यात पर रोक लगा देना चाहिए। 

जानकारों का मामना है कि सरकार इस समय बढ़ती मंहगाई पर नियंत्रण पाने के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रही है। प्रोडक्टों पर नजर रखने वाली समिति भी हर स्तर पर प्रोडक्ट पर अपनी नजर बनाए हुए है। साथ ही सरकार को जरूरी आवश्यक सुझाव भी दे रही है। 

बता दें भारत चीन के बाद दुनिया का सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है। जानकारी के मुताबिक भारत ने दुनिया के करीब 150 देशों को चावल का निर्यात किया था।

देश में खुदरा मंहगाई दर अप्रेल माह में 8 साल के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है।सरकार किसी भी तरह से मंहगाई पर काबू पाना चाहती है। सरकार ने पिछले हफ्ते ही पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती करने का फैसला किया है। इसके साथ ही सरकार ने उज्जवला योजना के लाभार्थियों को प्रत्येक गैस सिलेंडर पर 200 रूपए की सब्सिडी देने का फैसला किया गया है। 

सरकार के फैसले से नाराज आईएमएफ और G-7

सरकार ने गेंहू के निर्यात को बंद करने का फैसला किया है। इसके बाद से दुनिया के कई देशों ने सरकार के इस फैसले को गलत ठहराया है। जी-7 देशों के बाद अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रमुख किस्टालिना जॉर्जिवा ने भी भारत से नाराजगी जताई है कि सरकार जितना जल्दी संभव हो सके गेंहू के निर्यात पर लगी पाबंदी पर पुन: विचार करे। बता दें भारत सरकार ने 13 मई को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. 

Created On :   26 May 2022 5:32 PM IST

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