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Agriculture: केंद्र ने 234.68 करोड़ रुपये की 7 कृषि प्रसंस्करण क्लस्टरों को दी मंजूरी

हाईलाइट
- इन परियोजनाओं से 173.81 करोड़ रुपये के निजी निवेश आने की उम्मीद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 234.68 करोड़ रुपये की लागत से सात कृषि प्रसंस्करण क्लस्टरों को मंजूरी दी है। यह जानकारी मंगलवार को केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने दी।
जानकारी अनुसार केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) की कृषि प्रसंस्करण क्लस्टरों की अवसंरचना के निर्माण योजना के तहत प्राप्त प्रस्तावों पर विचार के लिए अंतर-मंत्रालयी अनुमोदन समिति (आईएमएसी) बैठक की अध्यक्षता की। परियोजनाओं के प्रमोटरों ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिस्सा लिया।
मंत्रालय ने बताया कि अंतर-मंत्रालयी अनुमोदन समिति ने मेघालय, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र, राज्यों में 234.68 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत के साथ सात कृषि प्रसंस्करण क्लस्टरों को मंजूरी दी है, जिसमें 60.87 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता भी शामिल है। इन परियोजनाओं से 173.81 करोड़ रुपये के निजी निवेश आने और 7,750 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
कृषि प्रसंस्करण क्लस्टरों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत तीन मई 2017 को कृषि प्रसंस्करण क्लस्टरों की अवसंरचना के निर्माण योजना को अनुमोदित किया गया था। इस योजना का उद्देश्य उद्यमियों को क्लस्टर दृष्टिकोण के आधार पर खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए आधुनिक अवसंरचना का विकास करना है। ये क्लस्टर अधिशेष उपज के अपव्यय को कम करने और बागवानी व कृषि उपज के मूल्य को जोड़ने में मदद करेंगे, जिसके परिणामस्वरूप किसानों की आय में वृद्धि होगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन होगा।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।