वायुसेना ने किया शक्ति प्रदर्शन, युद्धाभ्यास में तेजस ने दिखाई ताकत
डिजिटल डेस्क, जैसलमेर। भारतीय वायुसेना ने दशक के सबसे बड़े युद्धाभ्यास "गगन शक्ति" में अपनी युद्ध की तैयारियों को परखा। इस दौरान युद्धाभ्यास में नेवी समेत तीनों सेनाएं शामिल हुईं। 10 अप्रैल से शुरू होकर 23 अप्रैल तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास में स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस ने अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए पहली बार हिस्सा लिया। इस दौरान तेजस ने उन लक्ष्यों को भी निशाना बनाया जो आंखों से दिखाई भी नहीं दे रहे थे। बता दें, पाकिस्तान की सीमा से सटे राजस्थान के पोखरण में भारतीय वायुसेना का अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास चल रहा है। इस अभ्यास के दौरान भारतीय महासागर क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के मद्देनजर तैयारियों की जांच की जा रही हैं।
आसमान में ही लड़ाकू विमान में भरा इंधन
इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य चीन और पाकिस्तान से पेश आने वाली सुरक्षा चुनौतियों सहित इस तरह की किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए इसकी संचालन तैयारियों की जांच करना है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस दौरान एयरफोर्स के हवाई सपॉर्ट, नेटवर्क सेंट्रिंक वारफेयर, हमले और जवाबी हमले आदि करने का परीक्षण किया जा रहा है। इसमें लड़ाकू विमान एसयू-30 का बेड़ा 4000 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेदकर वापस आने में पूरी तरह से सफल रहे हैं। मेगा अभ्यास के तहत शनिवार को भारतीय वायुसेना के एसयू-30 लड़ाकू विमानों ने पूर्वी तट से पश्चिमी तट तक के लक्ष्यों को भेदा। वहीं आइएल-78 विमान ने लड़ाकू विमानों में आकाश में ही ईंधन भर कर अपनी क्षमताओं की कसौटी को भी नापा गया।
दुश्मनों को मुहतोड़ जवाब देने की चल रही है तैयारी
इस के अलावा युद्धाभ्यास में, हॉक और मिराज 2000, सुखाई-30 एमकेआई और मिग-21, मिग-27,समेत कुल 1100 फाइटर प्लेन हिस्सा ले रहे हैं। विशालकाय परिवहन विमान सी-130 सुपर हरक्यूलिस, एमआई-17, ध्रुव, अटैक हेलिकॉप्टर एमआई-35, और विमान सी-17 ग्लोब मास्टर भी इस युद्धाभ्यास में शामिल हुए हैं। यह अभ्यास भविष्य में आने वाले दिनों में चीन व पाकिस्तानी सैन्य आक्रमणों का मुकाबला करने के लिए किया जा रहा है। दूसरे देशों की रक्षा चुनौतियों से निपटने के मद्देनजर ही गगन शक्ति ऑपरेशन को समुद्री व वायु क्षेत्र में अभ्यास कर सैन्य ताकत जांची जा रही है। युद्ध के समय तीनों सेनाएं मिलकर दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दे सकें, इसके लिए इस बड़े अभ्यास में सेना और नौसेना भी शामिल हैं।
Created On :   15 April 2018 4:10 PM IST