राजा-टीपू के बीच आईं माया : अखिलेश ने हटाया राजा भैया को धन्यवाद देने वाला ट्वीट
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। राज्यसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी की हार के बाद अखिलेश यादव ने निर्दलीय विधायक और सपा समर्थक राजा भैया से किनारा कर लिया है। अखिलेश ने शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के बाद आज शनिवार को राजा भैया को धन्यवाद देने वाला ट्वीट अपने ट्वीटर हैंडल से हटा लिया है। अखिलेश का यह कदम मायावती के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि राजा भैया ने अखिलेश को धोखा दिया है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा चुनाव में मिली हार पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए राजा भैया और अखिलेश यादव के साथ पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, "अखिलेश राजा भैया के जाल में फंस गए। अखिलेश को अभी राजनीति का ज्यादा अनुभव नहीं है। वे राजा भैया के धोखे का शिकार हो गए। राजा भैया ने अखिलेश यादव को बसपा के समर्थन में वोट देने का भरोसा दिया और वोट बीजेपी को दिया।"
दरअसल, यूपी विधानसभा में राज्यसभा चुनावों में अपना वोट डालने के बाद राजा भैया, योगी आदित्यनाथ से जाकर मिले थे। इसके बाद से यह बातें चल रही थी कि राजा भैया ने सपा समर्थित बसपा प्रत्याशी को वोट नहीं दिया। इन आशंकाओं और बसपा सुप्रीमो मायावती के बयान के बाद अखिलेश को यह कदम उठाना पड़ा। राजनीतिक विश्लेषक अखिलेश के इस कदम को बसपा से नजदीकी बढ़ाने वाला कदम बता रहे हैं। जानकारों का कहना है कि अपने साथी राजा भैया से अखिलेश का किनारा करना 2019 के चुनाव में बसपा-सपा गठबंधन की ओर इशारा करता है।
अखिलेश ने ट्वीट कर राजा भैया को कहा था, "धन्यवाद"
बाहुबली विधायक राजा भैया द्वारा सपा समर्थित बसपा प्रत्याशी को समर्थन दिए जाने पर अखिलेश यादव ने ट्वीट के जरिए उन्हें धन्यवाद कहा था, जिसे आज मायावती के ऐतराज के बाद हटा लिया गया।
यूपी में बीजेपी ने बसपा-सपा गठबंधन को दिया था झटका
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर शुक्रवार को हुए राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के खाते में 9 सीटें आई हैं। वहीं सपा के हाथ 1 सीट लगी हैं। यहां बसपा को बड़ा झटका लगा है। उसके प्रत्याशी भीमराव आंबेडकर बीजेपी के अनिल अग्रवाल से हार गए हैं। बता दें कि लंबे समय तक यूपी की 10वीं सीट पर सस्पेंस बना रहा था। यहां प्रथम वरीयता के आधार पर बसपा प्रत्याशी आंबेडकर को अधिक वोट मिले थे लेकिन वह 37 वोटों के निर्धारित कोटे को हासिल करने में सफल नहीं हो पाए। बीजेपी के 9वें प्रत्याशी अनिल अग्रवाल ने दूसरी वरीयता के वोट हासिल कर अंबेडकर को हरा दिया था। इस जीत में सपा और बसपा के एक-एक उम्मीदवार की क्रॉस वोटिंग और एक-एक उम्मीदवार को वोटिंग में हिस्सा न ले पाना भी बड़ा कारण रहा।
Created On :   24 March 2018 6:54 PM IST