14 दिन की न्यायिक हिरासत में AAP के दो विधायक, संजय सिंह ने बताया सरकार गिराने की साजिश

Amanatullah Khan and Prakash Jarwal sent to 14-day judicial custody
14 दिन की न्यायिक हिरासत में AAP के दो विधायक, संजय सिंह ने बताया सरकार गिराने की साजिश
14 दिन की न्यायिक हिरासत में AAP के दो विधायक, संजय सिंह ने बताया सरकार गिराने की साजिश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। विधायक अमानतुल्ला खान और प्रकाश जरवाल की जमानत अर्जी को कोर्ट ने ठुकरा दिया है और दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। विधायकों पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट करने का आरोप है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन का अदालत में बयान दर्ज करवाया, उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को प्रकाश जरवाल और अमानतुल्ला खान ने घेरा हुआ था, उनके साथ मारपीट की और उसमें मुख्य सचिव का चश्मा भी गिर गया। हालांकि आम आदमी पार्टी ने इसे दिल्ली सरकार को गिराने की साजिश करार दिया है।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, "वीके जैन पर दबाव डालकर उनका बयान बदलवाया गया है। पुलिस ने जैन का बयान बदलवाया है। वीके जैन की ओर से दिया गया पहला बयान उनके दूसरे बयान से अलग है।" उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार की छवि धूमिल करने और उसे गिराने की साजिश रची जा रही है। पुलिस ने बुधवार की सुबह उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था। मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने अपनी शिकायत में जैन के नाम का उल्लेख किया था।

वहीं वीके जैन ने गुरुवार को अदालत में अपने बयान में कहा कि वह रात करीब 11:30 बजे अपने घर से निकले और उनको मुख्यमंत्री के घर तक पहुंचने में करीबन 35 से 40 मिनट का वक्त लगा। करीबन 12:10 पर वह मुख्यमंत्री के घर पर पहुंचे जब वह वहां पर पहुंचे मुख्य सचिव अंशु प्रकाश वहां मौजूद थे और उनके साथ बदसलूकी और मारपीट हो रही थी। इसमें अंशु प्रकाश का चश्मा भी जमीन पर गिर गया था। उस दौरान वहां पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे।

मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के वकील ने अदालत में बताया कि पूरा विवाद दो विज्ञापनों से जुड़ा हुआ है। केजरीवाल सरकार चाहती थी कि उन दोनों विज्ञापनों को मुख्य सचिव अनुमति दे दें, लेकिन मुख्य सचिव ने उनको अनुमति नहीं दी, क्योंकि इन विज्ञापनों में दिल्ली में भ्रष्टाचार पूरी तरह से खत्म होने और साथ ही दिल्ली के सरकारी स्कूलों में विश्व स्तरीय शिक्षा व्यवस्था देने की बात कही गई थी।
 

Created On :   22 Feb 2018 9:18 PM IST

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