मन्नान मामला : AMU में कश्मीरी छात्रों पर कार्रवाई का विरोध, 1200 छात्रों ने दी यूनिवर्सिटी छोड़ने की धमकी
- AMU के 1200 छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को धमकी दी है।
- छात्रों की मांग है कि यूनिवर्सिटी में कश्मीरी छात्रों के खिलाफ हो रहे गलत व्यवहार को रोका जाए।
- छात्रों ने कहा प्रशासन अगर ऐसा नहीं करती है तो 1200 छात्र अपनी डिग्रियां सरेंडर कर देंगे।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के 1200 छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को धमकी दी है। छात्रों की मांग है कि यूनिवर्सिटी में कश्मीरी छात्रों के खिलाफ हो रहे गलत व्यवहार और कार्रवाई को रोका नहीं गया तो सभी 1200 छात्र अपनी डिग्रियां सरेंडर कर देंगे। बता दें कि यह मामला कश्मीर के आतंकी मन्नान वानी के एनकाउंटर से जुड़ा हुआ है। वानी के एनकाउंटर के बाद कथित तौर पर कुछ कश्मीरी छात्रों ने उसके जनाजे की नमाज पढ़ने की कोशिश की थी। इसके बाद इन छात्रों पर देशद्रोह का आरोप लगा दिया गया था।
AMU के स्टूडेंट यूनियन के उपाध्यक्ष और कश्मीरी छात्र सज्जाद सुभान राथर ने कहा कि उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रशासन और SSP को पत्र लिखा है। इस पत्र के अनुसार सुभान ने कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा, "हमने यूनिवर्सिटी के सामने कुछ मांगें रखी हैं। प्रशासन अगर हमारी मांगों को पूरा नहीं करता है तो हम 1200 छात्र इस यूनिवर्सिटी को छोड़ कर चले जाएंगे। इसका जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ यूनिवर्सिटी प्रशासन होगा।"
सुभान ने कहा, "प्रशासन ने कश्मीरी छात्रों को कारण बताओ नोटिस भेजा है। इतना ही नहीं उन्होंने सभी को सस्पेंशन लेटर भी भेजा है। इन सभी छात्रों को कड़ी कार्रवाई करने को लेकर IPC की धाराओं के तहत धमकाया गया है। इससे सभी छात्र डरे हुए हैं। हम इस बेबुनियाद और झूठे आरोपों को लेकर कैंपस में नहीं रह सकते। इस डर वाले माहौल में हमारा करियर दांव पर लगा हुआ है। हम चाहते हैं कि कश्मीरी छात्रों पर हो रहे कार्रवाई को रोका जाए।"
बता दें कि मन्नान वानी AMU में PhD स्कॉलर था और यूनिवर्सिटी से लापता हुआ था। इसके बाद गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान मारे गए दो आतंकवादियों में से एक की पहचान मन्नान वानी के रूप में हुई थी। मन्नान हाल ही में हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़ा था। यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि एनकाउंटर की खबर के बाद 15 छात्र कैनेडी हॉल में इकट्ठा हुए थे। इन छात्रों ने वहां कथित तौर पर उसके जनाजे की नमाज पढ़ने की कोशिश की थी।
इस घटना के बाद प्रशासन ने इनमें से दो छात्रों को सस्पेंड कर दिया था और उनपर देशद्रोह का मामला दर्ज किया था। जबकि अन्य को कारण बताओ नोटिस भेजा था। उनपर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसके बाद से सभी कश्मीरी छात्र डरे हुए हैं। कश्मीरी छात्र इसी का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह 15 छात्र वहां जनाजे का नमाज पढ़ने नहीं बल्कि कश्मीर घाटी में बढ़ रही हिंसा और मौतों पर बैठक में शामिल होने गए थे। इसी दौरान वहां के सुरक्षाकर्मियों ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। कश्मीरी छात्रों का कहना है कि अगर इन छात्रों पर से कार्रवाई नहीं हटाई गई तो 17 अक्टूबर को यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की जयंती के दिन 1200 छात्र अपनी डिग्री वापस कर यूनिवर्सिटी छोड़ कर चले जाएंगे।
Created On :   14 Oct 2018 8:59 PM IST