मन्नान विवाद : छात्रों के दबाव के आगे झुका AMU प्रशासन, खत्म किया दो छात्रों का निलंबन
- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) से सस्पेंड किए गए तीन कश्मीरी छात्रों में से दो छात्रों को दोबारा बहाल कर दिया गया है।
- इस पूरे मामले की जांच के लिए 3 मेंबरों की कमेटी का गठन भी किया गया था।
- तीनों छात्रों पर आतंकी मन्नान वानी की मौत पर नमाज ए जनाजा (प्रार्थना सभा) आयोजित करने का आरोप लगा हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) से सस्पेंड किए गए तीन कश्मीरी छात्रों में से दो छात्रों को दोबारा बहाल कर दिया गया है। तीनों छात्रों पर हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी मन्नान वानी की मौत पर नमाज ए जनाजा (प्रार्थना सभा) आयोजित करने का आरोप लगा है। इस पूरे मामले की जांच के लिए 3 मेंबरों की कमेटी का गठन भी किया गया है। कमिटी ने सबूतों के आधार पर सस्पेंशन की कर्रवाई को कठोर सजा बताया है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता उमर पेरजादा ने कहा, "2 कश्मीरी छात्रों पर की गई निलंबन की कार्रवाई को निरस्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने इस पूरे मामले को देखा। सबूतों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है कि छात्रों पर निलंबन की जो कार्रवाई की गई है वह कठोर है।"
इससे पहले AMU में एल्युमिनाई मीट के दौरान कश्मीरी छात्रों ने मूक प्रदर्शन किया था। छात्र शोक सभा आयोजित करने के आरोप में सस्पेंड किए गए छात्रों पर की गई कार्रवाई वापस लेने की मांग कर रहे थे। कश्मीरी छात्र हाथों में पोस्टर बैनर लेकर यूनिवर्सिटी परिसर में ही बैठ गए थे।
बता दें कि आतंकी मन्नान वानी कश्मीर के हंडवाड़ा जिले में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था। मन्नान के मारे जाने के एक दिन बाद AMU के तीन छात्रों ने 12 अक्टूबर को कथित तौर पर भारत विरोधी नारेबाजी की थी और नमाज-ए-जनाजा (प्रार्थना सभा) करने का प्रयास किया था। जिसके बाद तीनों छात्रों पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था और यूनिवर्सिटी से सस्पेंड कर दिया गया था। हालांकि तीनों छात्रों पर हुई कार्रवाई से कई छात्र नाराज थे और करीब 1200 कश्मीरी छात्रों ने रविवार को AMU प्रशासन को पत्र लिखकर यूनिवर्सिटी छोड़कर जाने की चेतावनी दी थी।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी सोमवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के तीनों कश्मीरी छात्रों के खिलाफ देशद्रोह के आरोपों को वापस लेने की मांग की थी। उन्होंने केंद्र से इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा था। उन्होंने कहा था कि कश्मीर में हिंसा का शिकार होने वाले अपने पूर्व सहयोगी को याद रखने के लिए इन छात्रों को दंडित करना हास्य जनक होगा।
Created On :   16 Oct 2018 4:01 PM GMT