जेटली की चेतावनी- ‘या तो लोन चुकाओ या कंपनी बेचो’

arun jaitley said to defaulters pay dues or allow others to take control
जेटली की चेतावनी- ‘या तो लोन चुकाओ या कंपनी बेचो’
जेटली की चेतावनी- ‘या तो लोन चुकाओ या कंपनी बेचो’

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को निजी क्षेत्र की बड़ी देनदार कंपनियों को एक तरह से चेतावनी देते हुए कहा कि या तो वे अपना लोन चुकाएं या फिर किसी और को उनकी कंपनियों पर कब्जा करने का मौका दें।

आरबीआई ने जारी की 26 डिफॉल्टरों की सूची
नए दिवालिया कानून के तहत आरबीआई ने 12 बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों से 2 लाख करोड़ रुप की लोन वसूली के आदेश जारी किए हैं। यह रकम देश की बैंकों में बैड लोन की कुल मात्रा का एक चौथाई है। आरबीआई ने गुरुवार को ही 26 डिफॉल्टरों की दूसरी सूची भेजी है। जेटली ने कहा कि सरकार बैंकों को और पूंजी उपलब्ध करवाकर उनकी मदद करने को तैयार है, लेकिन पुराने बकाया लोन का निपटारा सरकार की पहली प्राथमिकता है।

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उन्होंने कहा, ‘दिवालिया कानून के तहत यह पहली बार है कि सरकार ने कर्जदारों को आड़े हाथों लिया है।’ जेटली ने यह भी कहा कि बैड लोन को क्लियर करने में थोड़ा वक्त लगेगा। ‘आप ऐसी किसी सर्जिकल प्रक्रिया की उम्मीद नहीं कर सकते कि एक बार में ही मर्ज ठीक हो जाए।’ सरकार ने देश के बैंकिंग सिस्टम में अभी तक 70 हजार करोड़ रुपए का पंजीगत सहयोग किया है और वह और भी धनराशि की मदद करने को तैयार है।

जेटली के मुताबिक, यह कहना आसान है कि चूंकि बड़ी प्रायवेट कंपनियां अपना लोन नहीं चुका रही हैं तो देश के करदाताओं को अपना टैक्स जरूर भरना चाहिए। लेकिन मेरा मानना है कि प्रायवेट सेक्टर के कर्जदाताओं को बैंकों का कर्ज अदा कर देना चाहिए, नहीं तो उन्हें अपनी कंपनी किसी और के हवाले कर देना चाहिए। 

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पिछले हफ्ते ही सार्वजनिक क्षेत्र के 21 बैंकों को मिली विलय की मंजूरी
केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले हफ्ते ही सार्वजनिक क्षेत्र के 21 बैंकों के विलय को मंजूरी दी है, लेकिन पूंजीगत क्षमता में पर्याप्त वृद्धि न हो पाने से अभी इस कदम की सफलता में संदेह व्यक्त किया जा रहा है। जेटली ने कहा कि कुछ बैंक खुले बाजार से भी लोन उठा सकते हैं। सरकार इतनी बड़ी संख्या में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक नहीं चाहती। सरकार चाहती है कि बैंकों की संख्या कम भले हो, लेकिन वे आर्थिक रूप से मजबूत हों।

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डिफॉल्टरों को दिवालिया घोषित करने से पहले कर्ज वसूली
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने देश के सभी कॉमर्शियल बैंकों को 26 डिफॉल्टरों की दूसरी सूची भेजी है। रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा है कि इन सभी डिफॉल्टरों को दिवालिया घोषित करने से पहले इनसे कर्ज वसूली की प्रक्रिया शुरू करे। आरबीआई ने कॉमर्शियल बैंकों से कहा है कि वह पहले अपने नियम के तहत इन डिफॉल्टरों के कर्ज की वसूली करने की कोशिश करें। ऐसा न हो पाने पर सभी डिफॉल्टरों को बैंकरप्सी कानून के तहत दिवालिया घोषित करें। कर्ज वसूलने के लिए केन्द्रीय बैंक ने सभी बैंकों को 13 दिसंबर तक का समय दिया है। वहीं दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए बैंकों को 31 दिसंबर तक नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में बैंकरप्सी कानून के तहत मुकदमा दर्ज करने को कहा है।

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ज्यादातर कंपनियां पावर, टेलिकम्यूनिकेशन, स्टील और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से
रिजर्व बैंक की इस दूसरी लिस्ट में शामिल की गई कंपनियां खासतौर पर पावर, टेलिकम्यूनिकेशन, स्टील और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से हैं। केन्द्रीय बैंक ने अपनी सूची में उन कंपनियों को शामिल किया है जिनपर 30 जून तक किसी बैंक के कर्ज का 60 फीसदी बकाया है। आरबीआई की सूची में वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज और जयप्रकाश एसोसिएट बड़े डिफॉल्टरों के तौर पर शामिल हैं। इन दोनों कंपनियों पर 1 ट्रिलियन रुपये से अधिक का नॉन परफोर्मिंग असेट (बैड लोन) है।
 

Created On :   31 Aug 2017 12:23 PM GMT

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