आतंकी अब्दुल करीम टुंडा पर जानलेवा हमला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आतंकी अब्दुल करीम टुंडा पर करनाल कोर्ट में जानलेवा हमला हुआ है। टुंडा हरियाणा के सोनीपत में साल 1996 में हुए दो बम ब्लास्ट में उम्रकैद की सजा काट रहा है। आतंकी टुंडा 307 के एक मामले में गवाही देने के लिए कोर्ट आया हुआ था। जहां सुनवाई से पहले ही एक युवक ने उसपर हमला कर दिया। हमलावर भी हत्या की कोशिश के एक मामले में आरोपी है।
गौरतलब है कि आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को सोनीपत कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। टुंडा ने कोर्ट में कुबूल किया था कि वह बम ब्लास्ट के समय पाकिस्तान में था। दिल्ली पुलिस ने टुंडा को साल 2013 में नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया था।
कब, कैसे हुई घटना
- 28 दिसंबर, 1996 की शाम पहला ब्लास्ट सोनीपत बस स्टैंड के पास स्थित तराना सिनेमा पर हुआ था।
- 10 मिनट बाद दूसरा ब्लास्ट गीता भवन चौक स्थित गुलशन मिष्ठान भंडार के पास हुआ।
- इस ब्लास्ट में करीब एक दर्जन लोग घायल हुए थे।
कैप्सूल बम बनाने में माहिर
अब्दुल करीम टुंडा कैप्सूल बम बनाने में माहिर है। टुंडा के खालिस्तानी आतंकी कश्मीरा सिंह, बब्बर खालसा, दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद, के चीफ वधावा सिंह जैसे खूंखार और इंटरनेशनल आतंकियों से संबंध हैं।
बम बनाने के दौरान उड़ गया हाथ
बांग्लादेश में बम बनाने के दौरान ब्लास्ट होने से टुंडा का बायां हाथ उड़ गया। तबसे लोग उसे टुंडा के नाम से बुलाने लगे। वह बम बनाने में देसी तकनीक का इस्तेमाल करता था। टुंडा 1985 में आईएसआई से ट्रेनिंग ले चुका था। लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठनों में उसकी भारी डिमांड थी।
दिल्ली में था ठिकाना
टुंडा का जन्म पुरानी दिल्ली में 1943 में हुआ था। बाद में उसके पिता ने पुरानी दिल्ली छोड़ दी और पिलखुवा में जाकर बस गए। जब टुंडा की हरकतें बढ़ गईं तो उसके पिता को दिल्ली छोड़नी पड़ी। दिल्ली में उस पर पहला केस चोरी का दर्ज हुआ था। देश के कई इलाकों में उस पर कई केस दर्ज हैं।
Created On :   30 Oct 2017 6:45 PM IST