औरंगजेब ने 1667 में पहली बार लगाया था पटाखा जलाने पर बैन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला देश की राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर आया है। हालांकि पटाखे जलाने पर कोई रोक नहीं है।
इतिहास में मिलता है उल्लेख
आपको जानकर हैरान होगी कि रियासतकाल में मुगल शासक औरंगजेब ने भी आतिशबाजी पर रोक लगा दी थी। इतिहास के पन्ने टटोलने पर इस बात का जिक्र मिलता है कि विवाह जैसे मौके पर आतिशबाजी व विस्फोट पर बैन लगाए गए थे। 8 अप्रैल 1667 को पहली बार हिंदुस्तान में आतिशबाजी पर बैन लगाया गया था। बीकानेर के राज्य अभिलेखागार में सोलहवीं सदी में लिखे गए औरंगजेब के फरमान में ये बातें आज भी सुरक्षित हैं।
शादी विवाह में बैन
राज्य अभिलेखागार में इस बात के पुख्ता सुबूत हैं कि मुगल काल में औरंगजेब ने ये फरमान सुनाया था। जिसमें उसने खुशी और विवाह जैसे वक्त पर आतिशबाजी व विस्फोट जैसी वस्तुओं के छोड़े जाने पर बैन लगा दिया था। औरंगजेब ने अपने अधिकारियों से कहा था कि देश में कोई भी कहीं बारूद या आतिशबाजी का इस्तेमाल नहीं करेगा।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने जिस अर्जी पर सुनवाई करते हुए पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई थी उसे कुछ बच्चों ने पिछले साल दायर किया था। सुप्रीम कोर्ट में तीन बच्चों की ओर से एक याचिका दाखिल की गई थी जिसमें दशहरा और दीवाली पर पटाखे जलाने पर पाबंदी लगाने की मांग की गई थी। इन बच्चों की उम्र 6 से 14 महीने के बीच थी।
इस कारण से लगी रोक
बता दें कि इसी महीने वायु प्रदूषण पर नजर रखने वाली केंद्र सरकार की एजेंसी "सफर" (सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी ऐंड वेदर फोरकास्टिंग ऐंड रिसर्च) ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में हवा की क्वॉलिटी बेहद खराब हो गई है और अगले कुछ दिनों में हालात और बिगड़ जाएंगे। वायु गुणवत्ता सूचकांक के खराब होने का मतलब है कि लोग यदि ऐसी हवा में लंबे समय तक रहें तो उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
Created On :   14 Oct 2017 9:04 PM IST