कर्नाटक : संकटमोचक की भूमिका निभाएंगे आजाद और गहलोत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावनाओं के बीच कांग्रेस ने सियासी मोर्चाबंदी बढ़ा दी है। इसके तहत पार्टी ने चुनाव नतीजे आने से पहले अपने दो वरिष्ठ नेताओं राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और पार्टी के संगठन महासचिव अशोक गहलोत को बेंगलुरू भेज दिया है, ताकि मुश्किल परिस्थिति में ये नेता प्लान बी पर तेजी से काम कर सकें।
सार्वजनिक तौर पर कर्नाटक में आसानी से जीत का दावा कर रही कांग्रेस को आशंका है कि कल वोटों की गिनती में उसकी सीटों का आंकड़ा 110 के आसपास भी रह सकता है। ऐसे में वह नहीं चाहती कि कर्नाटक में भी गोवा और मणिपुर का इतिहास दोहराया जाए। लिहाजा उसने अपने दो वरिष्ठ नेताओं को मोर्चे पर तैनात कर दिया है। सूत्र बताते हैं कि ये दोनों नेता लगातार पार्टी नेतृत्व के संपर्क मेें रहेंगे और जदएस या फिर दूसरे छोटे दलों को साथ लेकर सरकार बनाने पर तत्काल फैसला लेंगे। बता दें कि गोवा और मणिपुर में भाजपा से ज्यादा सीटें लाने के बावजूद कांग्रेस सरकार बनाने में विफल रही थी।
चूंकि कर्नाटक में भी मामला काफी करीब का दिख रहा है, लिहाजा कांग्रेस कोई भी जोखिम लेना नहीं चाहती। हालांकि उसे मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के सियासी प्रबंध कौशल पर भी भरोसा है, लेकिन सिद्धरमैया ने अचानक जिस ढंग से दलित मुख्यमंत्री की बात उठा दी है, वह उनके गिरते मनोबल से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान ने मतों की गिनती से एक दिन पहले अपने दो अनुभवी नेताओं को बेंगलुरू रवाना करना उचित समझा।
Created On :   14 May 2018 9:14 PM IST