भारत बंद पर हार्दिक का BJP पर हमला, हो गए ट्रोल

Bharat Bandh Hardik Patel troll after Attacks On Bjp
भारत बंद पर हार्दिक का BJP पर हमला, हो गए ट्रोल
भारत बंद पर हार्दिक का BJP पर हमला, हो गए ट्रोल

डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। सोमवार को कई दलित संगठनों ने "भारत बंद" का ऐलान किया, एससी-एसटी ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले के विरोध में आयोजित बंद कई जगह हिंसक हो गया। इसका असर उत्तर भारत के राज्यों में व्यापक तौर पर नजर आया। भारत बंद पर पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने ट्वीट किया। हार्दिक पटेल ने लिखा, "आज भी बीजेपी ने अपनी औकात दिखा दी। भारत बंद के ऐलान का निराकरण लाना जरूरी है लेकिन बीजेपी आज भी कांग्रेस पर आरोप लगा रही है। बीजेपी के राज में पहली बार भारत बंद हुआ है और वह भी जनता ने भारत बंद का ऐलान किया है। कांग्रेस के राज में बीजेपी भारत बंद का ऐलान करती थी जनता नहीं।" 

हार्दिक पटेल के इस ट्वीट के बाद कई यूजर्स भड़क गए और उन्होंने हार्दिक का विरोध करना शुरू कर दिया। यूजर्स ने भारत बंद के दौरान हुई हिंसक वारदातों में मारे जाने वाले लोगों की मौत को लेकर सवाल भी पूछे। लोगों ने कहा कि भारत बंद के ऐलान के बीच जो मौतें हुई हैं उनका जिम्मेदार कौन है। 

भारत बंद के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा "दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना RSS-BJP के DNA में है। जो इस सोच को चुनौती देता है उसे वे हिंसा से दबाते हैं। हजारों दलित भाई-बहन आज सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा की मांग कर रहे हैं।"

ग्वालियर में प्रदर्शन कर रहे दो समूहों में संघर्ष हो गया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। इस घटना के बाद हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। जिसके बाद पूरे शहर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक युवक की गोली लगने से मौत हो गई। 

भारत बंद के दौरान ग्‍वालियर में 19 लोग घायल, जिनमें से दो की हालत गंभीर बनी हुई है। जिसके बाद एहतियातन तौर पर मंगलवार शाम छह बजे तक इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया।

क्यों बुलाया भारत बंद
बता दें कि कोर्ट की तरफ से SC-ST एक्ट के संबंध में सुनाए गए फैसले से दलित समुदाय में भारी नाराजगी देखी जा रही है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक देश भर में SC-ST एक्ट के तहत साल 2016 में कुल 11060 ऐसे केस दर्ज हुए थे। हालांकि जांच के दौरान इनमें से 935 मामले पूरी तरह से गलत पाए गए हैं। जिसके बाद इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई। इस पर फैसला सुनाते हुए अदालत ने SC-ST एक्ट के तहत तुरंत होने वाली गिरफ्तारी पर रोक लगा कर इन नियमों में कुछ सुधार किए हैं। 

जिसके तहत अब से किसी के खिलाफ शिकायत मिलने पर उसे तुरंत गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। अब से पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी की जांच के बाद यदि कोई पहली नजर में दोषी पाया जाता है तब ही उसकी गिरफ्तारी की जा सकती है।


 

Created On :   2 April 2018 12:05 PM GMT

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