बीएचयू मामला : मुस्लिम शिक्षक के विरोध में 12 दिनों से पढ़ाई ठप

BHU case: Stalled for 12 days in protest against Muslim teacher
बीएचयू मामला : मुस्लिम शिक्षक के विरोध में 12 दिनों से पढ़ाई ठप
बीएचयू मामला : मुस्लिम शिक्षक के विरोध में 12 दिनों से पढ़ाई ठप

वराणसी, 19 नवम्बर (आईएएनएस)। काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में मुस्लिम शिक्षक की नियुक्त मामले पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले को लेकर पिछले 12 दिनों से पठन-पाठन पूरी तरह ठप है।

सूत्रों के अनुसार, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में पिछले 12 दिनों से पठन-पाठन पूरी तरह ठप है और छात्र धरने पर बैठे हुए हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच कई चक्र की बातचीत असफल हो चुकी है। मामला कब खत्म होगा, इस पर संशय बरकरार है।

धरने पर बैठे छात्र ढोल-मजीरे के साथ रघुपति राघव राजा राम का भजन कर रहे हैं। भजन के बीच-बीच में वे वीसी के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे हैं।

धरने की अगुआई कर रहे शोधछात्र चक्रपाणि ओझा के मुताबिक, यह विरोध फिरोज खान (बीएचयू के प्रोफेसर) का नहीं, बल्कि धर्म विज्ञान संकाय में एक गैर हिंदू की नियुक्ति का है। अगर यही नियुक्ति विवि के किसी अन्य संकाय में संस्कृत अध्यापक के रूप में होती तो विरोध नहीं होता। यह समझने की जरूरत है कि संस्कृत विद्या कोई भी किसी भी धर्म का व्यक्ति पढ़ और पढ़ा सकता है, लेकिन धर्म विज्ञान की बात जब कोई दूसरे धर्म का व्यक्ति करे तो विश्वसनीयता नहीं रह जाती।

इस बीच, सहायक प्रोफेसर फिरोज खान का कहना है, मेरे पिता रमजान खान ने संस्कृत में शास्त्री की उपाधि ली है। उन्हीं की प्रेरणा से मैंने संस्कृत का अध्ययन शुरू किया। मैंने दूसरी कक्षा से संस्कृत की शिक्षा लेनी शुरू की। संस्कृत से मैंने जेआरएफ किया, लेकिन कभी भी मुस्लिम होने के नाते कोई परेशानी नहीं हुई। मगर नियुक्ति को लेकर चल रहे आंदोलन से मैं हतोत्साहित हूं।

विवि ने नियुक्ति प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बताते हुए सहायक प्रोफेसर पद पर फिरोज खान की नियुक्ति को सही ठहराया है। कुलपति प्रो़ राकेश भटनागर ने कहा, विश्वविद्यालय धर्म, जाति, संप्रदाय, लिंग आदि के भेदभाव से ऊपर उठकर राष्ट्र निर्माण के लिए सभी को अध्ययन एवं अध्यापन के समान अवसर उपलब्ध कराने को प्रतिबद्घ है।

संस्कृत विभाग के प्रोफेसर राम नारायण दुबे ने कहा, यह बात गलत है कि अध्यापक भी उनके (प्रदर्शनकारी छात्र) साथ हैं। छात्र नियमों का उलंघन कर रहे हैं। कोई भी नियुक्ति यूजीसी के गाइडलाइन के अनुसार ही हुई होगी।

Created On :   19 Nov 2019 3:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story