BHU हिंसा : PM ने मांगी रिपोर्ट, 3 मजिस्ट्रेट-2 पुलिसकर्मी हटाए गए

डिजिटल डेस्क, वाराणसी। BHU में छेड़खानी के खिलाफ आंदोलनरत छात्राओं से मिलने जा रहे 125 से अधिक सपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने सोमवार को हिरासत में लिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि बीएचयू परिसर में गत शनिवार रात हुई हिंसक घटनाओं के बाद उत्पन्न तनाव के मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए इन कार्यकर्ताओं को एहतियातन गिरफ्तार किया गया है। उन्हें स्थानीय पुलिस लाइन में रखा गया है। BHU में पिछले तीन दिनों से चल रहे आंदोलन पर PMO भी नजदीकी नजर बनाए हुए है। PMO ने जिला प्रशासन को मामले पर नजर रखने का निर्देश देते हुए इस मामले में पूरी रिपोर्ट तलब की है। विजुअल आर्ट्स फैकल्टी की एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ की घटना के समर्थन में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और देहरादून के छात्र संगठनों ने भी प्रदर्शन किए हैं। इस बीच BHU प्रशासन ने छुट्टी की घोषणा करते हुए छात्रों को परिसर खाली करने को कहा है। इस बीच राज्य प्रशासन ने प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए तीन एडीशनल सिटी मजिस्ट्रेट और दो पुलिस अधिकारियों को हटा दिया है।
City Magistrate, Circle Officer और SHO को हटाया
पुलिस प्रशासन ने इस बीच कार्रवाई करते हुए SHO लंका राजीव सिंह को लाइन अटैच कर दिया है, जबकि SHO जैतपुरा संजीव मिश्रा को उनके स्थान पर लंका थाने में लाया गया है। इसके साथ ही Circle Officer भेलूपुर निवेश कटियार को हटा कर उनके स्थान पर Circle Officer कोतवाली अयोध्या प्रसाद सिंह को नियुक्त किया गया है। वाराणसी के जिला सूचना अधिकारी ने बताया कि इसके साथ ही तीन एडीशनल सिटी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार सिंह, सुशील कुमार गोंड और जगदंबा प्रसाद सिंह को पदमुक्त कर दिया गया है।
SP कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज राय धूपचण्डी ने बताया पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर विधान पार्षद लीलावती कुशवाहा एवं रामवृक्ष यादव समेत पार्टी का नौ सदस्यीय एक दल BHU पहुंचा था। दल के सदस्य पीडि़त छात्राओं से मिलना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया। लंका इलाके में मुख्य प्रवेश द्वार पर उन्हें हिरासत में ले लिया। सपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन ले जाया गया, जहां से दो घंटे के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है यह मसला बातचीत से हल किया जाना चाहिए, लाठियां चला कर नहीं। उन्होंने घटना के दोषी लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
VC के इस्तीफे को लेकर धरना-प्रदर्शन जारी
इस बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर विश्वविद्यालय में छुट्टी घोषित कर दी है। इसके साथ ही छात्रों से परिसर छोड़ कर चले जाने को कहा गया है। इसके बाद भी बड़ी संख्या में छात्र रुके हुए हैं। छात्राओं पर लाठीचार्ज एवं हिंसक घटनाओं के लिए कुलपति प्रोफेसर गिरीशचंद त्रिपाठी को जिम्मेदार ठहराते हुए छात्र-छात्राओं ने आज भी अलग-अलग स्थानों पर धरना-प्रदर्शन किया। BHU के तनाव के मद्देनजर काशी विद्यापीठ और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्याल में भी छुट्टी घोषित कर दी गई है।
BHU की घटना पर PMO गंभीर, तलब की रिपोर्ट
बीएचयू में पिछले तीन दिनों से चल रहे आंदोलन पर पीएमओ गंभीर हो गया है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से जुड़ा होने के कारण पीएमओ ने जिला प्रशासन ने पूरी रिपोर्ट तलब की है। सूत्रों के अनुसार खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में घटना के लिए बीएचयू प्रशासन की अनदेखी को जिम्मेदार ठहराया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री के बनारस दौरे के एक दिन पहले से ही छात्राएं आंदोलित थीं। इसके बाद भी BHU प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। उसने स्थिति के संबंध में प्रशासन को भी अंधेरे में रखा। जिसके चलते दर्शन पूजन के लिए निर्धारित रास्ते के बजाए प्रधानमंत्री को वैकल्पिक मार्ग से ले जाना पड़ा।
VC की अनदेखी का नतीजा है छात्र आंदोलन
स्थिति को गंभीर बनाने में VC गिरीशचंद्र त्रिपाठी का रवैया जिम्मेदार रहा है। विश्वविद्यालय में आंदोलन शुरू होने के बाद उन्होंने छात्रों से उनकी समस्या जान कर कार्रवाई किए जाने का समय पर आश्वासन नहीं दिया। जिसकी वजह से छेड़खानी के विरोध में शुरू हुआ आंदोलन हिंसक हो गया। इसके बाद प्रो. गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने अपनी चुप्पी तोड़ी। इस दौरान उन्होंने छात्राओं को परिसर का माहोल सुधारने का आश्वासन नहीं दिया। उन्होंने छात्र आंदोलन को सुनियोजित बताते हुए कहा कि अधिकांश छात्राएं दिल्ली व इलाहाबाद से आयीं हैं। उन्होंने दावा किया कि BHU के छात्र आंदोलन में शामिल नहीं हैं।
AMU और देहरादून में भी हुए प्रदर्शन
इस बीच BHU छात्रों के आंदोलन के समर्थन में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी AMU परिसर में प्रदर्शन किया। इस अवसर छात्रों ने कहा कि दोषी लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। छात्रों ने छेड़छाड़ की शिकायत करने VC के पास पहुंची छात्राओं पर लाठियां भांजने को विश्वविदयालय प्रशासन की अमानीवीय कार्रवाई करार दिया। इस मामले में अपनी नकारात्मक भूमिका के लिए VC को तुरंत माफी मांगनी चाहिए और प्रशासन को परिसर में सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के उपाय करने चाहिए। दूसरी ओर देहरादून में भी छात्राओं के संगठन श्रीमुक्ति लीग और नवजवान भारत सभा के तत्वावधान में प्रदर्शन आयोजित करके इस घटना की निंदा की और दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।







Created On :   25 Sept 2017 10:49 PM IST