'पश्चिम के साथ-साथ उत्तरी सीमा पर भी बख्तरबंद गाड़ियां चलाने की जरुरत'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान सेना द्वारा हर दिन संघर्ष विराम उल्लंघन किया जा रहा हैं। वहीं उत्तरी सीमा पर चीन के साथ हाल ही में डोकलाम विवाद खत्म हुआ है। इन सब के बीच इंडियन आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने एक बड़ा बयान दिया है। बिपिन रावत ने कहा है कि देश की पश्चिमी सीमा के साथ-साथ उत्तरी सीमा पर भी बख्तरबंद गाड़ियां चलाने की जरुरत है। उन्होंने कहा, "सेना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए युद्धक टैंक और बख्तरबंद गाड़ियों को हर परिस्थिति में चलाने की क्षमता विकसीत करना होगी।
गौरतलब है कि आर्मी 2025-2027 से आधुनिक टैंकों और इन्फैंटरी कॉम्बैट वीइकल (ICV) का इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है। इसी के तहत फ्यूचर आर्म्ड व्हीकल्स इंडिया-2017 पर आयोजित एक सेमिनार में आए सेना प्रमुख ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, "भारत की उत्तरी और पश्चिमी दोनों सीमाओं का भौगोलिक स्वरूप बदल रहा है। ऐसे में भविष्य में होने वाली जंग के लिए हमें खुद को तैयार रखना होगा।" उन्होंने कहा कि पश्चिमी सीमा पर थार मरुस्थल का कुछ हिस्सा सख्त हो रहा है। बंजर जमीनें अब हरी हो रही हैं, पश्चिमी क्षेत्र में जनसंख्या घनत्व भी बढ़ रहा है। इस बदलाव को देखते हुए हमें भी अपनी तैयारियों को बदलना होगा। जनरल रावत ने यह भी कहा कि पश्चिम की तुलना में उत्तरी सीमा और जटील है, जो चुनौतियां पेश कर रही हैं। इससे निपटने के लिए क्षमता निर्माण की जरूरत है।
आर्मी चीफ ने कहा, "हमें दोनों सीमाओं पर आने वाले समय में लड़ाई का मैदान जटिल हो जाएगा, इलाके में जटिलताएं बढ़ जाएंगी। हमें इन चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।" उन्होंने कहा कि मैदानी भागों और पहाड़ों के लिए रणनीति बनाने के साथ-साथ नदियों पर बने पुलों की जरूरत पूरी करने पर भी ध्यान देना होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा, "हम जो भी हथियार इस्तेमाल करने वाले हैं, वह दोनों मोर्चों पर काम करने में सक्षम होने चाहिए। हमारे हथियारों और वाहनों में दिन के साथ-साथ रात में काम करने की क्षमता भी होनी चाहिए।"
Created On :   15 Nov 2017 10:57 PM IST