हर जिले में शरियत कोर्ट : बीजेपी बोली- हमारा देश इस्‍लामिक रिपब्लिक नहीं

BJP said on shariyat court this is not Islamic Republic of India
हर जिले में शरियत कोर्ट : बीजेपी बोली- हमारा देश इस्‍लामिक रिपब्लिक नहीं
हर जिले में शरियत कोर्ट : बीजेपी बोली- हमारा देश इस्‍लामिक रिपब्लिक नहीं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) देश के हर जिले में शरीयत कोर्ट बनाने की तैयारी में है। बीजेपी ने AIMPLB की इस योजना पर निशाना साधा है। बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि आप धार्मिक मामलों पर चर्चा कर सकते हैं लेकिन इस देश में न्‍यायपालिका का महत्‍व है। देश के गांवों और जिलों में शरियत अदालतों का कोई स्‍थान नहीं है। हमारा देश इस्‍लामिक रिपब्लिक ऑफ इंडिया नहीं है।

 

 

ये शरियत कोर्ट नहीं दारुल कजा है
ऑल इंडिया मुस्लिम लॉ बोर्ड के सदस्‍य जफरयाब जिलानी ने कहा, हम इसे शरियत कोर्ट नहीं कह सकते। ये दारुल कजा है, जहां पर काजी वैवाहिक विवादों को सुलझाते हैं। यहां विवाद न सुलझने की स्थिति में अलग होने का तरीका बताते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि भारत में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसकी शुरुआत 1993 में की थी। यह कोई नई बात नहीं है। केंद्र सरकार का इससे कोई लेना देना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे समानांतर कोर्ट न पाए जाने के बाद जारी रखने की अनुमति दी थी।

 

 

 

15 जुलाई को AIMPLB की बैठक
15 जुलाई को दिल्ली में AIMPLB की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। इस बैठक में देश के हर जिले में शरियत कोर्ट खोले जाने का फैसला लिया जा सकता है। जफरयाब जिलानी ने रविवार को मीडिया को बताया था कि बोर्ड की अगली बैठक लखनऊ में न होकर दिल्ली में आयोजित होगी। उन्होंने ये भी कहा था कि इस वक्त उत्तर प्रदेश में करीब 40 दारुल-क़ज़ा हैं। कोशिश है कि हर जिले में कम से कम एक ऐसी अदालत जरूर हो।

Created On :   8 July 2018 11:20 PM IST

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