महज आरोप के आधार पर सील नहीं कर सकते बैंक खाता : हाईकोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने खाताधारक का पक्ष सुने बगैर राजस्व खुफिया विभाग (DRI) की ओर से एक कारोबारी के खाते को जब्त किए जाने के निर्णय को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि DRI ने महज सोने की तस्करी के आरोप के आधार पर खाता जब्त करने जैसा कड़ा व कठोर कदम उठाया है।
जस्टिस एससी धर्माधिकारी और जस्टिस प्रकाश नाइक की बेंच ने मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद कहा कि DRI ने कारोबारी पर तस्करी जैसा गंभीर आरोप लगाया है। ऐसे में उससे अपेक्षा की जाती है कि वह उसका खाता जब्त करने से पहले उसे कारण बताए नोटिस जारी करे और व्यक्तिगत रुप से उसका पक्ष सुने। जो DRI ने नहीं किया है।
इससे पहले DRI की ओर से पैरवी कर रहे वकील प्रदीप जेटली ने कहा कि याचिकाकर्ता इलेक्ट्रानिक उपकरणों का व्यापारी है। उसने एसी में छि पाकर 57 किलो सोने की तस्करी की है। इसमे उसके कई साथी भी शामिल हो सकते हैं। तस्करी से की गई कमाई को जब्त करने के लिए हमने याचिकाकर्ता का खाता जब्त किया है। वहीं याचिकाकर्ता ने DRI की कार्रवाई को मनमानीपूर्ण व नियमों के विपरीत बताया।
याचिकाकर्ता के अनुसार DRI ने मेरे मुवक्किल को कोई नोटिस जारी नहीं किया है। उसने बैंक के मार्फत खाता जब्त करने की कार्रवाई की है। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने DRI के खाता जब्त करने के निर्णय को रद्द कर दिया और कहा कि वह भविष्य मंआ याचिकाकर्ता का पक्ष सनुकर उसका खाता जब्त करने के लिए स्वतंत्र है।
Created On :   31 March 2018 11:18 PM IST