हाईकोर्ट ने कहा- संवेदनशील और मानवीय रुख अपनाएं फैमिली कोर्ट के जज
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाई कोर्ट ने कहा है कि फैमिली कोर्ट को जस्टिस फैमली कोर्ट में आनेवाले पक्षकारों के प्रति संवेदनशील व मानवीय रुख अपनाए। मुंबई की फैमिली आदलत की ओर से दिए गए एक आदेश से क्षुब्ध हाईकोर्ट ने यह सुझाव दिया है। जस्टिस गिरीष कुलकर्णी ने कहा कि फैमिली कोर्ट में आनेवाले पक्षकार पहले से अशांत मनस्थिति में होते है। मुकदमेबाजी के चलते वे परेशान रहते है, इसलिए हम फैमिली कोर्ट से अपेक्षा करते है कि उनके आदेश लोगों की परेशानी को और न बढ़ाएं।
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हर माह मिलने वाले गुजारेभत्ते को किया रद्द
पिछले दिनों मुंबई की फैमिली कोर्ट ने एक महिला को हर माह मिलनेवाले गुजारेभत्ते को रद्द कर दिया और महिला की गिरफ्तारी का आदेश भी दे दिया। क्योंकि महिला ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया था। फैमिली कोर्ट ने महिला को निर्देश दिया था कि वह बच्चे को काउंसिलिंग के लिए ले जाए, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। इससे नाराज फैमिली कोर्ट ने बच्चे की कस्टडी भी महिला के पति को सौपने को कहा। फैमिली कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ महिला ने हाईकोर्ट में अपील की। जस्टिस कुलकर्णी के सामने महिला की याचिका पर सुनवाई हुई।
फैमिली कोर्ट की ओर से दिया गया निर्देश उचित नहीं
जस्टिस ने कहा कि मामले को लेकर फैमिली कोर्ट की ओर से दिया गया निर्देश उचित नहीं है। जस्टिस ने कहा कि बच्चों की काउंसिलिंग एक नाजुक मसला है। इसे सौम्यता के साथ देखना चाहिए पर जस्टिस ऐसा करने में विफल रहे है। जस्टिस ने कहा कि कोर्ट में आनेवाले पक्षकार पहले से अशांत मनस्थिति के चलते परेशान रहते है। ऐसे में हम फैमिली कोर्ट के जस्टिस से अपेक्षा करते है कि वे वहां आनेवाले पक्षकारों के प्रति संवेदनशील व मानवीय रुख अपनाए।
Created On :   11 March 2018 8:19 PM IST