दुर्घटनाएं रोकने के लिए देश में पुलों की भी होनी चाहिए एक्सपायरी डेट
- वित्तीय ऑडिट के साथ-साथ निर्माण की गुणवत्ता का ऑडिट भी महत्वपूर्ण होता है।
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में पुलों की मियाद यानि एक्सपायरी डेट तय करने की बात करते हुए कहा है कि सरकार ने देश के सभी पुलों की सेहत और उम्र का पता करने के लिए नीति बनाने का फैसला किया है। इसके साथ ही उन्होंने शहरों में भूमि अधिग्रहण की समस्या को देखते हुए 3 या 4 मंजिला रोड बनाने की जरूरत पर भी बल दिया।
गडकरी ने कहा कि मंत्रालय ने इंडियन ब्रिज मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया है। इसके तहत देश के सभी पुलों की जानकारी को इकट्ठा किया गया है और उसके आधार पर देश के सभी पुलों की सेहत और उम्र के बारे में पता करने में काफी आसानी होगी।
गडकरी ने वैभव डांगे और नागपुर से संबंध रखने वाले सच्चिदानंद जोशी की किताब बिल्डिंग ब्रिजेस- शेपिंग द फ्यूचर किताब का विमोचन करते हुए कहा कि वित्तीय ऑडिट के साथ-साथ निर्माण की गुणवत्ता का ऑडिट भी महत्वपूर्ण होता है।
गडकरी ने कहा कि समुद्र किनारे बनने वाले पुलों की ताकत और उम्र बढ़ाने के लिए इसके निर्माण में स्टेनलेस स्टील के उपयोग को लेकर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने सड़क निर्माण में इस्पात और सीमेंट के इस्तेमाल को कम करने की वकालत करते हुए कार्बन स्टील और स्टील फाइबर जैसी सामग्रियों के इस्तेमाल पर भी जोर दिया।
किताब के लेखक वैभव डांगे ने बताया कि इंडियन ब्रिज मैनेजमेंट सिस्टम में 1 लाख 27 हजार से ज्यादा पुलों की जानकारी है और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के आदेश पर कैसे देश के इन पुलों की सेहत और उम्र से जुड़े डाटा को इकट्ठा करने के बारे में किताब में बताया गया है।
इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि आने वाले समय में एक क्लिक पर यह पता चल जाएगा कि किस पुल को कब मरम्मत की जरूरत है और किस पुल को नए सिरे से बनाने की जरूरत है। इससे यह भी पता लगेगा कि ऐसे कितने पुल हैं जो अपनी क्षमता से अधिक वाहन का बोझ सह रहे हैं। इन सभी डाटा से दुर्घटनाओं को रोकने और लोगों के जीवन को सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी।
(आईएएनएस)
Created On :   5 Jan 2022 10:00 AM IST