लेटर से खुली पोल:सीबीआई ने कहा था- माल्या को गिरफ्तार मत करना, चुपचाप बता देना
- अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर में दावा
- सीबीआई ने गिरफ्तारी से किया था इनकार
- पहला लुक आउट नोटिस 16 अक्टूबर 2015 को जारी किया गया था
- ये खुलासा मुंबई पुलिस को सीबीआई द्वारा लिखे गए एक पत्र से हुआ है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सीबीआई ने कहा था कि विजय माल्या को गिरफ्तार न किया जाए, बल्कि हमें चुपचाप उसके बारे में बता दिया जाए। ये खुलासा मुंबई पुलिस को सीबीआई द्वारा लिखे गए एक पत्र से हुआ है। एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक सीबीआई ने 16 अक्टूबर 2015 को पहला लुक आउट नोटिस जारी किया था, जिसमें भारत छोड़ने से रोकने संबंधि कॉलम को भर दिया गया। इसके बाद 24 नवंबर 2015 को दूसरा लुक आउट नोटिस जारी किया गया। उस समय माल्या ने देर रात दिल्ली में लैंडिंग की थी। इसमें एक कवर लेटर भी था, जो मुंबई पुलिस को भेजा गया था।
दूसरे लुक आउट नोटिस में विषय (माल्या) के आने जाने के बारे में सूचित करें वाले बॉक्स को भरा गया था। इसका मतलब साफ है कि गिरफ्तारी के लिए मना किया गया था। इसके ठीक 4 महीने बाद 2 मार्च 2016 को माल्या ने भारत छोड़ दिया। अब माल्या को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित करने की कार्रवाई चल रही है।
माल्या के 24 नवंबर 2015 को दिल्ली आने की सूचना 23 नवंबर को ही सीबीआई को दे दी गई थी। इसके बाद 24 नवंबर को सीबीआई ने मुंबई पुलिस को पत्र लिखा था कि माल्या को गिरफ्तार न किया जाए। जरूरत पड़ने पर बाद में इसके बारे में सोचा जाएगा। बाद में लुक आउट नोटिस को संशोधित भी किया जा सकता है। पत्र से जानकारी मिलती है कि अलर्ट जारी होने के बाद भी सीबीआई अनजान बनकर काम करती रही। मुंबई सीबीआई एसपी हर्षिता अटलुरी ने पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। मुंबई के ही आईपीएस अधिकारी असवती दोर्जे को भी इस लेटर में मार्क किया गया था। पत्र में लिखा था कि लुट आउट नोटिस जारी करने के पीछे हमारा मकसद माल्या की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि उस पर निगरानी रखना है। हिरासत पर कहा गया था कि आरोपी के जाने की सूचना पहले से नहीं होती, इसलिए इमिग्रेशन पॉइंट से आने-जाने की सूचना दी जा सकती है। इसके अलावा पॉइंट से विषय को गिरफ्तार भी किया जा सकता है। पूरे मामले पर सीबीआई अधिकारी अट्टालुरी और संयुक्त निदेशक एके शर्मा ने किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी।
Created On :   18 Sept 2018 1:30 PM IST