लिंचिंग मामले में संघ व भाजपा पर आरोप, झारखंड विधानसभा में हंगामा
- लिंचिंग मामले में संघ व भाजपा पर आरोप
- झारखंड विधानसभा में हंगामा
रांची, 8 जनवरी (आईएएनएस)। झारखंड विधानसभा में बुधवार को उस समय शोरगुल हुआ जब कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी ने पिछले साल हुए तबरेज अंसारी लिंचिंग मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जिम्मेदार ठहराया।
इरफान अंसारी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर कहा, तबरेज अंसारी की हत्या के लिए भाजपा और आरएसएस जिम्मेदार हैं।
कांग्रेस विधायक की इस टिप्पणी पर भाजपा विधायकों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
तबरेज अंसारी को 17 जून 2019 को झारखंड के सेरीकेला-खरसावा जिले में भीड़ ने बुरी तरह से पीटा था। पिटाई के कुछ दिनों बाद तबरेज की मृत्यु हो गई थी।
भाजपा विधायकों ने मांग की कि भाजपा और आरएसएस के बारे में की गई भद्दी टिप्पणी को कार्यवाही से निकाला जाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक को इस तरह की टिप्पणी करने पर खेद व्यक्त करना चाहिए। इस दौरान विधायक आसन के सामने आ गए और कांग्रेस विधायक की ओर से माफी मांगने की मांग करने लगे।
इस दौरान भाजपा विधायक सी.पी. सिंह ने कहा, इरफान अंसारी के आरोप का क्या प्रमाण है?
विधानसभा अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो ने भाजपा विधायकों को शांत किया और उन्हें अपनी सीटों पर लौटने के लिए कहा। अध्यक्ष ने बाद में कांग्रेस विधायक की टिप्पणी को कार्यवाही से निकाल दिया।
भाजपा विधायक हालांकि इरफान अंसारी द्वारा माफी मांगने की मांग पर अड़े रहे और फिर से सदन के वेल में आ गए। भाजपा विधायक इरफान अंसारी को सदन से बर्खास्त करो और इरफान अंसारी को माफी मांगनी चाहिए जैसे नारे लगाने लगे।
भाजपा विधायकों को शांत करने में असफल रहने पर विधानसभा अध्यक्ष ने माफी का मुद्दा कांग्रेस विधायक के विवेक पर छोड़ दिया। मगर कांग्रेस विधायक ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह माफी नहीं मांगेंगे।
इसके बाद भाजपा विधायकों ने और अधिक नारे लगाए जिसने अध्यक्ष को सदन स्थगित करने पर मजबूर किया।
सदन के दोबारा बैठने पर भाजपा विधायकों ने फिर से कांग्रेस सदस्य से माफी की मांग की और सदन के वेल में आ गए। यह मुद्दा तब और बढ़ गया जब सी. पी. सिंह ने कहा, अगर मैं कहूं कि इरफान अंसारी मुंबई पर हमला करने वाला आतंकवादी था। वह आईएसआई का स्लीपर सेल था और पाकिस्तान का एजेंट था, तो क्या?
सिंह की इस टिप्पणी से सत्ता व विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई और विधायक अपनी सीट से खड़े होकर एक-दूसरे पर चिल्लाते नजर आए।
हंगामे के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपना भाषण दिया और धन्यवाद प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हो गया।
Created On :   8 Jan 2020 7:30 PM IST