छत्तीसगढ़: क्वारंटीन सेंटरों में 14 मई से अब तक 10 लोगों की मौत, कोविड-19 से किसी की भी नहीं

Chhattisgarh: 10 people died in quarantine centers since May 14
छत्तीसगढ़: क्वारंटीन सेंटरों में 14 मई से अब तक 10 लोगों की मौत, कोविड-19 से किसी की भी नहीं
छत्तीसगढ़: क्वारंटीन सेंटरों में 14 मई से अब तक 10 लोगों की मौत, कोविड-19 से किसी की भी नहीं

डिजिटल डेस्क, रायपुर। छत्तीसगढ़ में क्वारंटीन सेंटरों में मजदूरों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। 14 मई से अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। गौर करने वाली बात ये है कि इनमें से किसी भी मजदूर को कोरोना नहीं था। ताजा मामला सोमवार दोपहर को सामने आया। लूंड्रा के एक युवक ने अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दिल्ली से लौटे इस युवक को क्वारंटीन में भेजा गया था, जहां तबीयत खराब होने के बाद उसे अंबिकापुर भेजा गया था।

इससे पहले भी छत्तीसगढ़ में बाहर से लौटे श्रमिकों की मौत के कुछ मामले सामने आए हैं, लेकिन इनमें से किसी में भी कोराना के लक्षण नहीं मिले, बल्कि किसी की मौत क्वारंटीन सेंटर में सांप ने काटने से हुई तो किसी ने क्वारंटीन सेंटर में फांसी लगा ली। इन मौतों पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। विपक्ष का आरोप है कि राज्य में कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए बनाए गए क्वारंटीन सेंटर में न तो खाने-पीने की व्यवस्था है और ना ही स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।

महासमुंद में दो मजदूरों की मौत
वहीं छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में 2 प्रवासी मजदूरों की मौत होने से हड़कंप मच गया है। पुलिस का कहना है कि दोनों मजदूरों की यात्रा के दौरान ही तबीयत खराब हुई और बाद में उनकी मौत हो गई। प्राथमिक जांच के आधार पर बताया जा रहा है कि इन मजदूरों की मौत कोरोना संक्रमण से नहीं हुई है। फिलहाल मजदूरों के शव सुरक्षित रखे गए हैं और कोरोना संबंधित जांच के लिए सैंपल रायपुर भेजे गए हैं।

12 दिन में 10 मजदूरों की मौत

  • 14 मई को रायगढ़ जिले के सारंगढ़ क्वारंटीन सेंटर में 27 साल के अर्जुन निषाद ने कथित रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
  • 17 मई को मुंगेली जिले के किरना गांव के क्वारंटीन सेंटर में 31 साल के योगेश वर्मा की सांप के काटने से मौत हो गई। योगेश पुणे से एक हजार किलोमीटर से अधिक की दूरी पैदल तय करके अपने गांव लौटे थे और उन्हें गांव के क्वारंटीन सेंटर में रखा गया था।
  • 18 मई को बालोद जिले के परसवाली क्वारंटीन सेंटर में 29 साल के सूरज यादव ने कथित रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
  • 18 मई को ही राजनांदगांव जिले के सीताकसा क्वारंटीन सेंटर में 28 साल के बुधारु राम की सांप के काटने से मौत हो गई।
  • 19 मई को बलरामपुर जिले के सेमली लेंजुआ-पारा क्वारंटीन सेंटर में ड्यूटी कर रहे शिक्षक सियारत भगत की मौत हो गई।
  • 20 मई को बेमेतरा जिले के सेमरिया क्वारंटीन सेंटर में 35 साल के आदिवासी राजू ध्रुव की मौत हो गई।
  • 21 मई को जांजगीर-चांपा जिले के 35 साल के बीरबल माहेश्वरी ने मुलमुला क्वारंटीन सेंटर में दम तोड़ दिया।
  • 23 मई को मुंगेली जिले के छीतापुर क्वारंटीन सेंटर में 22 वर्षीय एक श्रमिक पुनीत राम टंडन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
  • 24 मई को बालोद जिले के पचेड़ा क्वारंटीन सेंटर में रखी गई 20 साल की अनूपा नामक एक युवती की इलाज के दौरान मौत हो गई।
  • 25 मई की दोपहर लूंड्रा के एक युवक ने अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दिल्ली से लौटे इस युवक को क्वारंटीन में भेजा गया था जहाँ तबीयत खराब होने के बाद उसे अंबिकापुर भेजा गया था।

 

Created On :   25 May 2020 11:15 PM GMT

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