भारत सरकार ने चीन के साजिशों का किया भंडाफोड़, 138 सट्टेबाजी ऐप और 94 लोन ऐप हुए बैन

Chinas conspiracies busted, Indian government banned 138 betting apps and 94 loan apps
भारत सरकार ने चीन के साजिशों का किया भंडाफोड़, 138 सट्टेबाजी ऐप और 94 लोन ऐप हुए बैन
भारत की डिजिटल स्ट्राइक भारत सरकार ने चीन के साजिशों का किया भंडाफोड़, 138 सट्टेबाजी ऐप और 94 लोन ऐप हुए बैन
हाईलाइट
  • कर्ज के जाल में फंसाकर लोगों से 3 हजार फीसदी ब्याज वसूला जाता था

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन की साजिशों का भंडाफोड़ करते हुए केंद्र सरकार ने 232 ऐप को देश में बैन कर दिया है। सरकार के सूत्रों ने जानकारी दी है कि इलेक्‍ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से 138 सट्टेबाजी ऐप और 94 लोन ऐप को सभी ऑपरेटिंग सिस्टम पर बैन कर दिया है। 

बता दें कि, इन ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के लिए मंत्रालय को सिफारिश की गई थी। जिसके बाद बीते सप्ताह इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई। वहीं, इन चीनी ऐप को भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए भी खतरा बताया गया है। 

कर्जदारों से जबरन वसूली

देश के विभिन्न राज्यों से यह शिकायत मिली थी कुछ लोग आम लोगों से जबरन वसूली और उत्पीड़न कर रहे थें। साथ ही यह जानकारी मिली कि ये ऐप चीनी नागरिकों के दिमाग की उपज हैं। इसमें बेराजगार भारतीयों को काम पर रखकर उन्हें डायरेक्टर पद सौपा जाता था। जिसके बाद इन लोगों के द्वारा लाचार लोगों को कर्ज लेने का लालच दिया जाता था और फिर उससे 3,000 फीसदी तक ब्याज बसूला जाता था। लाचार लोगों के लिए कर्ज चुकाना तो दूर की बात हो जाती थी, ब्याज चुकाने में ही कर्जदार असमर्थ हो जाते थें। खबर है कि कर्ज नहीं चुकाने पर लाचार लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया जाता था। इसके अलावा कर्जदारों को गालियां तक दी जाती थीं। वहीं कर्जदारों को धमकी दी जाती थी कि वे कर्ज नहीं चुका पाए तब उनकी व्यक्तिगत फोटों वायरल कर दी जाएंगी। 

सूत्रों के मुताबिक, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में केंद्र सरकार ने एक टीम गठित करके इन ऐप्स पर नजर बनाई। इस दौरान गठित टीम ने पाया कि 94 ऐप ई- स्टोर्स पर उपलब्ध हैं और अन्य थर्ड-पार्टी लिंक के जरिए काम कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, छह महीने पहले 28 चीनी ऐप का विश्लेषण शुरू किया गया था। फिर टीम ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। 


 

Created On :   5 Feb 2023 10:38 AM GMT

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