उपराज्यपाल से मिलेंगे केजरीवाल, SC के फैसले के बाद पहली मुलाकात
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज सीएम अरविंद केजरीवाल उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात करेंगे। ये मुलाकात ट्रांसफर और पोस्टिंग विवाद को लेकर की जा रही है। इस नए विवाद से आम-आदमी पार्टी और नौकरशाहों के रिश्तों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। इन सब के बीच दिल्ली सीएम केजरीवाल ने अपना रुख साफ कर दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर अधिकारियों ने तबादले और तैनाती से जुड़े दिल्ली सरकार के आदेश नहीं माने तो उनके खिलाफ बड़ा एक्शन लिया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक दिल्ली सरकार के आदेश का पालन करने से इंकार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने सहित अन्य कानूनी विकल्पों पर दिल्ली सरकार विचार कर रही है। केजरीवाल ने आज ट्वीट कर कहा है कि "सभी अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान और पालन करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खुले उल्लंघन से गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। यह किसी के हित में नहीं होगा" मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी ट्विट करते हुए कहा है कि "सेवा विभाग के सचिव को एक बार फिर कहा है कि कल के निर्देश के मुताबिक आदेश जारी करें। साथ ही अधिकारी को सूचित किया है कि आदेश नहीं मानने पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना हो सकती है।
All officers shud respect and obey SC order. Open defiance of SC order shall invite serious consequences. It will be in noone’s interest https://t.co/RhMkPS6O0d
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 5, 2018
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से ट्रांसफर का आदेश देने के बाद सर्विसेज विभाग ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहीं भी अगस्त 2016 के उस नोटिफिकेशन को रद्द नहीं किया गया है, जिसमें ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल, मुख्य सचिव या सचिवों को दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अधिकारियों के ट्रांसफर अब मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री की इजाजत से होंगे।
इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बैंच ने दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों के लेकर चल रहे विवाद पर अपना फैसला सुनाया था। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कुछ मामलों को छोड़कर दिल्ली विधानसभा कानून बना सकती हैं। अगर एलजी और कैबिनेट में मतभेद हो तो मामला राष्ट्रपति को भेजें। उपराज्यपाल के पास किसी भी तरह का स्वतंत्र अधिकार नहीं है उन्हें कैबिनेट की सलाह पर ही काम करना होगा। दिल्ली राज्य-केन्द्र विवाद के इस फैसले पर जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस ए.के. सिकरी जजों ने अपना फैसला एक रखा है।
कोर्ट ने कहा था कि एलजी दिल्ली के प्रशासक हैं, सरकार के काम में बाधा न डालें। हर मामले में एलजी की इजाजत जरूरी नहीं, एलजी चुनी हुई सरकार के फैसलों में बाधा नहीं डाल सकते। एलजी कैबिनेट की सलाह और सहायता से काम करें। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि दिल्ली के कामकाज में एलजी की सलाह अनिवार्य नहीं है। संघीय ढांचे में राज्यों को स्वतंत्रता है। जाहिर है कि एलजी प्रशासक जरूर हैं, लेकिन शर्तों के साथ। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि LG की सहमति अनिवार्य नहीं है। शक्ति एक जगह केंद्रित नहीं हो सकती, दिल्ली में अराजकता के लिए जगह नहीं है। एलजी और राज्य सरकार मिलकर काम करें।
Created On :   6 July 2018 10:44 AM IST