कांग्रेस की मांग- जस्टिस लोया मामले की जांच करे एसआईटी

Congress demanded (SIT) formed by Supreme Court in Loya case
कांग्रेस की मांग- जस्टिस लोया मामले की जांच करे एसआईटी
कांग्रेस की मांग- जस्टिस लोया मामले की जांच करे एसआईटी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस ने सीबीआई जस्टिस बृजमोहन लोया की मौत पर सवाल उठाते हुए इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) से कराने की मांग की है। पार्टी ने साफ किया है कि इस जांच से सीबीआई और एनआईए को दूर रखा जाना चाहिए। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने यहां कहा कि जस्टिस लोया की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है। उन्होने कहा कि सुप्रीम कोर्ट एसआईटी गठित कर इस मामले की निष्पक्ष जांच कराए क्योंकि उनकी पार्टी को सीबीआई और एनआईए पर भरोसा नहीं है। उन्होने पूछा कि जब जस्टिस लोया की बहन ने अपने भाई की मौत पर संदेह जताया था और उन पर ऊपर से दबाव होने की बात कही थी, तब न्यायपालिका ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में एफआईआर दर्ज क्यों नहीं किया।


रजिस्टर में जज बृजमोहन लोया का नाम क्यों नहीं?

कांग्रेस नेता ने जस्टिस लोया के बिना सुरक्षा के नागपुर आने पर भी सवाल उठाया और पूछा कि सीबीआई जज की सुरक्षा क्यांे हटाई गई थी। यह प्रश्न भी उठता है कि जिस रवि भवन में जस्टिस लोया रूके थे, उस भवन के रजिस्टर में जज बृजमोहन लोया का नाम क्यों नहीं है। रजिस्टर मंे सिर्फ श्रीकांत कुलकर्णी का नाम था। सिब्बल ने कहा कि रवि भवन के वर्ष 2014 के रजिस्टर में 2017 की इंट्री भी कई सवाल खड़े करती है। सिब्बल की प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद और वरिष्ठ अधिवक्ता व सांसद विवेक तन्खा प्रमुखता से मौजूद थे। 


ह्विसलब्लोअर सतीश उईके को भी खतरा

जस्टिस लोया मामले में नागपुर के वकील और ह्विसलब्लोअर सतीश उईके को भी लगातार धमकी मिल रही है। सिब्बल के साथ प्रेस कांफ्रेंस में पहुंचे श्री उईके ने अपनी जान पर खतरा बताते हुए कहा कि उन्हें कई बार धमकी मिल चुकी है। उन्हें मारने की नीयत से 8 जून 2016 को उनके कार्यालय की छत पर 5 हजार किलोग्राम के लोहे का भारी टुकड़ा गिराया गया था। हालांकि उस वक्त वे कार्यालय से निकल चुके थे। इसकी शिकायत उन्होने नागपुर के अजनी पुलिस स्टेशन में की है, लेकिन इस मामले में न तो एफआईआर दर्ज की गई और न ही जांच की गई है। वकील उईके इसलिए ज्यादा सहमे हुए हैं क्योंकि इस मामले में जज लोया की मदद को आगे आए एडवोकेट श्रीकांत खंडालकर और रिटायर्ड जिल जज प्रकाश थोम्ब्रे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। दरअसल  सतीश उईके एडवोकेट खंडालकर और रिटायर्ड जिला जल थोम्ब्रे के साथ मिलकर जज लोया की मदद कर रहे थे। कपिल सिब्बल ने बताया कि एडवोकेट खंडालकर की माैत 29 नवंबर 2015 को जिला न्यायालय की इमारत की 8वीं मंजिल से गिरकर संदिग्ध परिस्थिति में हुई थी तो थोम्ब्रे 16 जून 2016 को नागपुर से बंगलोर जाते समय ट्रेन में अचानक मृत पाए गए थे।


बजट सत्र में गरमाएगा जज लोया का मामला 

लोकसभा में पेश होने जा रहे आम बजट के एक दिन पहले जज लोया का मामला फिर से उठाकर कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि प्रमुख विपक्षी दल बजट सत्र में इस मसले जमकर भुनाएगा। चूंकि जज लोया सोहराबुद्दीन केस से जुड़े थे और इस मामले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का नाम शामिल रहा है, लिहाजा कांग्रेस संसद में इस मसले को जोरशोर से उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगी। चूंकि यह मामला हाईप्रोफाइल है, लिहाजा माना जा रहा है कि सरकार भी इस मामले में रक्षात्मक रूख अपनाने को बाध्य होगी।
 

Created On :   31 Jan 2018 9:41 PM IST

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