कश्मीर में काफिले के मूवमेंट के दौरान नियमों में होगा बदलाव: CRPF
- CRPF चीफ आरआर भटनागर ने अतिरिक्त सुरक्षा बरतने का फैसला किया है।
- आतंकी हमले के बाद CRPF चीफ ने नई सुविधाओं को जोड़ने का फैसला किया है।
- भटनागर कश्मीर घाटी के दो दिवसीय दौरे पर भी गए थे।
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद CRPF चीफ ने नियमों में बदलाव का फैसला किया है। गुरुवार को हुए इस आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। जिसके बाद CRPF चीफ आरआर भटनागर ने अतिरिक्त सुरक्षा बरतने का फैसला किया है। इसके लिए भटनागर घाटी के दो दिवसीय दौरे पर भी गए थे।
भटनागर ने एक इंटरव्यू में कहा, 'हम ट्रैफिक कंट्रोल के अलावा, काफिले के आने-जाने के समय में बदलाव, उनके ठहराव का स्थान और सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ काम करने जैसे विषयों पर काम कर रहे हैं। हम इन सभी में बदलाव करेंगे।' इससे पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने घाटी में अपने दौरे के बाद कहा था कि जब जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के काफिले चल रहे होंगे, तो नागरिक वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी।
डीजी ने कहा कि 'पिछले दो दिनों में मैंने और मेरे कमांडरों ने कश्मीर में एक नई रणनीति पर चर्चा की। इसमें हमने न केवल काफिले की आवाजाही को सुरक्षित करने के लिए, बल्कि नियमित संचालन के लिए सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए भी चर्चा की।'
सीआरपीएफ के डीजी ने कहा, 'मैं बारीकियों में नहीं जाना चाहता लेकिन हम कुछ रणनीति तैयार कर रहे हैं। यह कुछ ऐसा है जो हमने अतीत में किया है और ये चीजें गतिशील हैं। इस बार हम फिदायीन हमले को लेकर तैयारी कर रहे हैं। पिछले दो सालों में CRPF के किसी भी काफिले पर कोई हमला नहीं हुआ है और इस तरह के खतरों को यथासंभव कम करने का प्रयास किया जा रहा है।'
यह पूछे जाने पर कि क्या इस हमले के बारे में कोई जानकारी थी? इसपर भटनागर ने कहा कि कोई विशेष इनपुट नहीं था और घाटी में सुरक्षा बलों पर इस तरह का हमला पूरी तरह से नया था।
भटनागर से जब सड़क पर आवाजाही की समस्या से बचने के लिए जम्मू से श्रीनगर के सभी सैनिकों को विमान से भेजने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि 'काफिले में चलने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। जम्मू-श्रीनगर हाईवे को भूस्खलन के कारण बंद कर दिया गया था। काफिला 14 फरवरी को 10 दिनों के अंतराल के बाद संचालित हुआ था और जम्मू में CRPF के ट्रांजिट कैंप से श्रीनगर जाने वाले सैनिकों का एक बड़ा बैकलॉग था।'
भटनागर ने कहा, 'इतनी संख्या में जवानों को एयरलिफ्ट द्वारा भेजना बेहद मुश्किल है। हालांकि गृह मंत्रालय ने अब दिल्ली-श्रीनगर-दिल्ली (सप्ताह में सात दिन) और जम्मू-श्रीनगर-जम्मू (सप्ताह में चार दिन) एयरलाइन सेवा शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और जल्द ही इसका संचालन होगा।'
Created On :   17 Feb 2019 11:34 PM IST