कश्मीर में पैलेट का इस्तेमाल कम करने AK 47 चलाएगी CRPF, निकलेंगी प्लास्टिक की गोलियां

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। कश्मीरी अलगाववादियों और पत्थरबाजों से निपटने के लिए सीआरपीएफ ने 21000 गोलियां कश्मीर भेजी हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित इन गोलियों को एके सीरीज की राइफलों में भरा जा सकता है। इन गोलियों का उत्पादन पुणे की आयुध कारखाना में हुआ है।
गौरतलब है कि कश्मीरी अलगाववादियों और पत्थरबाजों पर भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा पैलेट गन इस्तेमाल पर राष्ट्रीय स्तर से लेकर संयुक्त राष्ट्र तक हंगामा हो चुका है। इससे बचने के लिए सरकार ने अब पैलेट गन की जगह प्लास्टिक बुलेट्स का इस्तेमाल करने का फैसला किया है।
सीआरपीएफ के महानिदेशक आर आर भटनागर के मुताबिक, ‘‘परीक्षणों में पता चला है कि ये प्लास्टिक की गोलियां कम घातक हैं। इससे भीड़ नियंत्रण के लिए प्रयुक्त पैलेट गनों और अन्य गैर घातक हथियारों पर हमारी निर्भरता कम होगी।’’ डीजी ने कहा, ‘‘हमारी सभी इकाइयों को वितरण के लिए हाल में करीब 21 हजार गोलियां भेजी गई हैं।’’ जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से लड़ने तथा कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए तैनात सीआरपीएफ ने प्लास्टिक की गोलियों का आर्डर दिया था ताकि जवान धातु से बनी घातक गोलियों की जगह नई प्लास्टिक गोलियां अपने पास रख सकें।
पैलेट गन आखिरी रास्ता
सुप्रीम कोर्ट में 10 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की पैलेट गन बंद कराने की मांग वाली पिटीशन पर सुनवाई हुई थी। इसमें अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा, "इसके इस्तेमाल का मकसद किसी की जान लेना नहीं है, भीड़ को काबू करने के लिए पैलेट गन की जगह रबर बुलेट के इस्तेमाल जैसे अन्य विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
सरकार नया विकल्प खोजे SC
चीफ जस्टिस जेएस खेहर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एसके कौल की बेंच ने इस पिटीशन पर सुनवाई के दौरान 27 मार्च को केंद्र सरकार को पैलेट गन का विकल्प ढूंढने का निर्देश दिया था।
Created On :   7 Oct 2017 8:26 PM IST