भोपाल में फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा, 5 हजार अमेरिकियों को लगाई 70 करोड़ की चपत

Cyber ​​police busted gang of cyber criminals defrauding American people
भोपाल में फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा, 5 हजार अमेरिकियों को लगाई 70 करोड़ की चपत
भोपाल में फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा, 5 हजार अमेरिकियों को लगाई 70 करोड़ की चपत
हाईलाइट
  • पुलिस ने कॉल सेंटर के संचालकों के पास से फ्रॉड के जरिए अमेरिकियों से हासिल किेए 20 लाख रुपए भी बरामद किए है।
  • साइबर ठग लॉ इन्फोर्समेंट के अधिकारी बनकर अमेरिकियों के साथ ठगी करते थे।
  • साइबर पुलिस भोपाल ने एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है जिसके जरिए अमेरिकी लोगों को ठगने का काम किया जाता था।

डिजिटल डेस्क, भोपाल। साइबर पुलिस भोपाल ने एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है, जिसके जरिए अमेरिकी लोगों को ठगने का काम किया जाता था। पुलिस ने कॉल सेंटर के संचालकों के पास से 20 लाख रुपए भी बरामद किए हैं। बताया जा रहा है कि लोन सेटलमेंट के नाम पर 5 हजार अमेरिकियों से 70 करोड़ रुपए ठगे गए हैं। भोपाल से गिरफ्तार आरोपियों के तार सीधे अमेरिका के सायबर अपराधियों से भी जुड़े थे। साइबर ठग लॉ इन्फोर्समेंट के अधिकारी बनकर अमेरिकियों के साथ ठगी करते थे। इस गिरोह में 7 सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तर किया है।

एडीजी अरूणा मोहन राव के मुताबिक कई दिनों से भोपाल के इंद्रपुरी में ये कॉल सेंटर चलाया जा रहा था। साइबर ठग अभिषेक पाठक और रामपाल सिंह ने मिलकर इसकी शुरुआत की थी। अहमदाबाद के दीपेशभाई गांधी नाम के एक शख्स से इन लोगों ने अमेरिकियों का डाटा खरीदा था। कॉल सेंटर में चार कर्मचारियों को नौकरी पर रखा गया था, जो नाइट शिफ्ट में डाटा के आधार पर लॉ इन्फोर्समेंट विभाग के अधिकारी बनकर अमेरिकियों को टैक्स्ट मैसेज किया करते थे। इस मैसेज में वे लिखते थे कि अगर उन लोगों ने अपना बकाया लोन नहीं चुकाया तो उन्हें जेल हो सकती है। वह इसी नंबर पर दोबारा उनसे संपर्क करने के लिए भी कहते थे।

इसके बाद जो भी अमेरिकी नागरिक डरकर इनके झांसे में आ जाता वो इस नंबर पर कॉल करता। इस कॉल को कर्मचारी कॉल सेंटर संचालक अभिषेक या रामपाल के पास ट्रांसफर कर देते थे। अभिषेक और रामपाल दोनों ही अमेरिकी एक्सेंट में फ़्लूएंट इंग्लिश में अमेरिकियों से बात करते थे और जो भी अमेरिकी उनके झांसे में आ जाता वह उनसे बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करंसी के जरिए पेमेंट करने के लिए कहते थे। बिटकॉइन वैलेट Zebpay पर इन लोगों ने अपना अकाउंट बना रखा था। इसी अकाउंट के जरिए पैसों का ट्रांसफर किया जाता था।

ये पेमेंट अमेरिका में ही बैठे इनके एक साथी के पास पहुंचता था, जिसके बाद वो इन लोगों को बतौर कमीशन भी देता था। जिसके चलते पुलिस ने इनके पास से 20 लाख रुपए भी बरामद किए हैं, जो अलग-अलग अकाउंट में जमा थे। इसके अलावा 12 लाख अमेरिकियों का डाटा भी इनके पास से बरामद किया गया है। ये ठगी करोड़ों रुपए की है और ये 20 लाख रुपए तो मात्र वो रुपए हैं, जो इन्हें अमेरिका के साइबर अपराधी से कमीशन के तौर पर मिले थे। पुलिस के मुताबिक रामपाल सिंह, वत्सल गांधी और अभिषेक पाठक इस गिरोह के मुख्य सदस्य है। फिलहाल पुलिस इस मामले में और जांच कर रही है।

 

Created On :   7 Sep 2018 7:05 PM GMT

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