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दैनिक भास्कर हिंदी: एशिया की अब तक की सबसे बड़ी ड्रग जब्ती में डी-कंपनी का कनेक्शन (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

हाईलाइट
- एशिया की अब तक की सबसे बड़ी ड्रग जब्ती में डी-कंपनी का कनेक्शन (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)
नई दिल्ली, 1 जून (आईएएनएस)। म्यांमार में पिछले महीने 18 मई को सिंथेटिक ड्रग्स की बड़ी खेप जब्त की गई और बताया जा रहा है कि एशिया में पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स को जब्त किया गया। इसे शीर्ष दक्षिण पूर्व एशियाई ड्रग सिंडिकेट्स के साथ जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही कराची स्थित अंडरवल्र्ड नेटवर्क डी-कंपनी के भी इसमें शामिल होने के संकेत मिले हैं।
डी कंपनी का नेतृत्व भारत का शीर्ष भगोड़ा अपराधी दाऊद इब्राहिम करता है, जो बांग्लादेश और थाईलैंड में प्रमुख नशीले पदार्थों के संचालन को नियंत्रित करता है।
यूएन एजेंसियों की सूचना पर 18 टन से अधिक ड्रग्स जब्त किया गया था। इस खेप की तस्करी चीन, थाईलैंड और बांग्लादेश के रास्ते होनी थी।
शीर्ष सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि भारतीय खुफिया एजेंसियां म्यांमार के अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं, ताकि वे खेप के प्राप्तकर्ता के बारे में जानकारी एकत्र कर सकें, जिसमें दक्षिण पूर्व और दक्षिण एशिया में स्थित सिंडिकेट शामिल हैं।
म्यांमार की एंटी-ड्रग्स पुलिस ने पहले खुलासा किया था कि 500 किलोग्राम क्रिस्टल मेथ के अतिरिक्त नार्को-आपराधिक सिंडिकेट द्वारा समर्थित कारखानों से 300 किलोग्राम हेरोइन और 3,750 मिथाइल फेन्टेनाइल बरामद किए गए।
भारतीय एजेंसियों के सूत्रों ने कहा कि डी-कंपनी, जिसके पास ढाका और थाईलैंड में बड़े अड्डे हैं, आमतौर पर म्यांमार से फेन्टेनाइल जैसी सिंथेटिक दवाओं को उठाती है और उन्हें यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों में पहुंचा देती है।
सूत्र ने कहा, इस तरह के नशीले पदार्थों के संचालन में अक्सर माफिया नेताओं के साथ कोई सीधा संबंध नहीं होता है, लेकिन हम अभी भी आशा कर रहे हैं कि चल रही जांच में कुछ शीर्ष सिंडिकेट के शामिल होने का खुलासा हो सकता है जो कि मैंड्रेक्स और सिंथेटिक ड्रग टैबलेट की तस्करी में शामिल हैं। डी-कंपनी एक ऐसा आपराधिक सिंडिकेट है, जिसके दक्षिण एशियाई सिंथेटिक ड्रग्स आपूर्तिकर्ताओं के साथ गहरे संबंध हैं।
संयुक्त राष्ट्र और इंटरपोल ने दाऊद इब्राहिम को एशिया के सबसे बड़े नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों में से एक घोषित किया है, जिसके संपर्क आतंकी संगठनों के साथ भी हैं। दाऊद इब्राहिम और उसके शीर्ष गुर्गे जाबिर मोतीवाला की भूमिका पर भी शक है और सीमा पार से मादक पदार्थों की तस्करी के एक बड़े मामले में अमेरिका की ड्रग एनफोर्समेंट एजेंसी (डीईए) द्वारा इसकी पड़ताल की जा रही है।
मोतीवाला, दाऊद इब्राहिम की ड्रग डीलिंग का कामकाज देखता है। उसे स्कॉटलैंड यार्ड ने लंदन में गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह अमेरिका में डीईए द्वारा लंबित मुकदमे में प्रत्यर्पण मामले का सामना कर रहा है। डीईए ने मोतीवाला के खिलाफ दायर अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि दाऊद इब्राहिम अपने व्यापक हवाला नेटवर्क के जरिए दुनिया भर में फैले गंतव्यों तक नशीले पदार्थों की तस्करी में अहम भूमिका निभाता है।
भारत की प्रमुख खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) द्वारा तैयार किए गए हालिया डोजियर में कहा गया है कि दाऊद इब्राहिम और उसके छोटे भाई शेख अनीस इब्राहिम सिंथेटिक ड्रग्स के साथ-साथ हेरोइन और अफीम का भी कारोबार करते हैं।
अंडरवल्र्ड की जोड़ी ने अपने ड्रग्स साम्राज्य का विस्तार करने के लिए कुख्यात अफगान तस्कर हाजी जन लाल इश्कजई के साथ भी साझेदारी की है।
माफिया डॉन के संबंद में आईबी के डोजियर से पता चला, दाऊद इब्राहिम अवैध हेरोइन के व्यापार के माध्यम से रुपये बनाने के इरादे से भारत और अन्य जगहों पर नशीले पदार्थों को भेजने की नापाक योजनाओं को अंजाम देने के लिए इश्कजई की मदद ले चुका है। डी-कंपनी ने पहले ही सूडान, इथियोपिया, केन्या, तंजानिया, जिम्बाब्वे, नामीबिया और घाना में नेटवर्क तैयार कर लिया है, जहां से यह ऑपरेशन को अंजाम देने की आस लगाए हुए है।
अफगानिस्तान में डी-कंपनी की प्रमुख गतिविधियों को देखने वाला इश्कजई पहले अमेरिका में नशीले पदार्थों के तस्करों की सबसे वांछित सूची में रहा है, जिसका जिक्र डीईए रिपोर्ट में भी किया गया है।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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