पत्रकार हत्याकांड मामले में राम रहीम को उम्रकैद, 16 साल बाद आया फैसला
- जज जगदीप सिंह ने सुनाई सजा
- पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में राम रहीम को उम्रकैद की सजा
- बाबा गुरमीत राम रहीम और तीन अन्य को पंचकूला की विशेष CBI कोर्ट ने सुनाया फैसला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड मामले में पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अब राम रहीम को अपनी बाकी बची हुई जिंदगी जेल में ही काटना होगी। राम रहीम के साथ ही उसके तीन साथी निर्मल, कुलदीप और कृष्ण लाल को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। जज जगदीप सिंह ने यह फैसला सुनाया है। इसके साथ ही सभी पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है।
बता दें कि राम रहीम पहले ही बलात्कार मामले में 20 साल जेल की सजा काट रहा है। छत्रपति हत्याकांड मामले में सुनाई गई उम्रकैद की सजा, 20 साल की सजा खत्म होने के बाद शुरू होगी। ऐसे में तय है कि राम रहीम अब अपनी अंतिम सांस तक जेल में ही रहेगा।
इससे पहले बचाव पक्ष और सीबीआई के वकीलों के बीच सजा को लेकर जमकर बहस हुई। सीबीआई के वकील ने गुरमीत राम रहीम के लिए फांसी की सजा मांगी। बचाव पक्ष के वकील ने रहम की गुहार लगाई।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आरोपी गुरमीत राम रहीम पेश हुआ। रामचंद्र छत्रपति के परिवार ने मुआवजा देने की मांग उठाई। सरकारी पक्ष की ओर से डेरा मुखी राम रहीम को दी गई सुरक्षा में हुए खर्च का मुआवजा भी कोर्ट में मांगा गया। बता दें कि फैसला सुनाने के बाद अब चारों दोषियों को सजा के फैसले की कॉपी ईमेल के द्वारा भेजी जाएगी। जेल प्रशासन को ईमेल के बाद प्रिंट निकालने के बाद इन पर दोषियों के साइन करवाकर स्कैन कापी वापस कोर्ट में ईमेल से भेजी जाएगी।
बता दें कि यह मामल 17 साल पुराना है। 17 साल बाद रामचंद्र के परिवार को इंसाफ मिला है।
सिरसा में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था
अगस्त 2017 में रेप मामले में राम रहीम को सजा सुनाए जाने पर हरियाणा के पंचकूला और सिरसा में हिंसा भड़क उठी थी। जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई थी और 260 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे। हिंसा की छिटफुट घटनाएं दिल्ली और पंजाब में भी हुई थीं। इसी को देखते हुए सिरसा समेत कई क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
क्या है मामला
राम रहीम सध्वियों के साथ रेप के जिस मामले में सजा काट रहा है। दरअसल, उसका खुलासा पत्रकार रामचंद्र ने ही किया था। दो महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप लगाते हुए पत्र लिखे थे। उसी के आधार पर रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार में खबरें प्रकाशित की थीं। जिसके बाद 24 अक्टूबर 2002 को उन पर हमला किया गया। 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
Created On :   17 Jan 2019 8:17 AM IST